UPPSC J Result 2023: यूपीपीएससी (UPPSC) ने बुधवार की शाम को PCS-J एग्जाम के नतीजे जारी किएं, उसमें जौनपुर के स्नेहिल कुंवर सिंह ने चौथी रैंक हासिल की है। MY NATION HINDI से बात करते हुए स्नेहिल कुंवर सिंह कहते हैं कि उनके पिता सुनील कुमार सिंह ने लॉ की फील्ड से उनका परिचय कराया। ज्यूडिशियल सिस्टम की फंक्शनिंग कैसे होती है और उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया कि किस तरह न्यायिक सेवा, सोसाइटी और हर एक व्यक्ति को प्रभावित करती है। यह सब समझते हुए लॉ के क्षेत्र में आगे बढ़ने का निर्णय लिया। 

स्नेहिल कुंवर के पिता बैंक में डिप्टी रिजनल मैनेजर

बदलापुर तहसील के खजुरान (ढेमा) गांव के रहने वाले 23 वर्षीय स्नेहिल कुंवर सिंह अपनी फैमिली के पहले व्यक्ति हैं, जो सिर्फ लॉ की फील्ड में आए ही नहीं, बल्कि UPPCS-J सरीखी प्रतिष्ठित परीक्षा में परचम लहराया है। उनके पिता सुनील कुमार सिंह मौजूदा समय में यूनियन बैंक आफ इंडिया, गाजीपुर में उप क्षेत्रीय प्रबंधक हैं। 

 

स्नेहिल कुंवर सिंह ने कहां से की पढ़ाई?

स्नेहिल कुंवर सिंह की शुरुआती शिक्षा जौनपुर में ही हुई। सेंट्रल पब्लिक स्कूल, जौनपुर से दूसरी कक्षा तक पढ़ाई की और फिर तीसरी से 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई सेंट जॉन्स स्कूल जौनपुर में हुई। 10वीं कक्षा में जौनपुर टॉपर रहें। उसी दरम्यान पिता का ट्रांसफर हो गया तो 12वीं तक की पढ़ाई दिल्ली में की। इंटरमीडिएट परीक्षा में भी दिल्ली टॉप किया। साल 2017 में क्लैट (CLAT) के जरिए पहले अटेम्पट में ही नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU), बैंगलोर में प्रवेश मिला।  

तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं स्नेहिल कुंवर सिंह

स्नेहिल कुंवर सिंह तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके बड़े भाई अमित कुमार सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र जौनपुर (Jaunpur News) में कृषि वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं। दूसरे भाई अंकित कुमार सिंह ने IIT कानपुर से पढ़ाई की है और मौजूदा समय में जापान की एक निजी कम्पनी में काम कर रहे हैं। उनकी मां शरभा देवी हाउस वाइफ हैं।

बिना कोचिंग के डेली 10-12 घंटे पढ़ाई कर क्रैक किया एग्जाम

स्नेहिल कहते हैं कि उन्होंने यूपीपीसीएस-जे परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं की, बल्कि सेल्फ स्टडी करके ही एग्जाम क्रैक किया है। वह प्रतिदिन औसतन 10-12 घंटे पढ़ाई करते थे। यूपीपीसीएस-जे एग्जाम में यह उनका पहला अटेम्पट था। स्नेहिल ने कंसिस्टेंसी के साथ लगातार मेहनत करके यह मुकाम हासिल किया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को देखकर हुए मोटिवेट

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को देखकर ही स्नेहिल कुंवर सिंह को जज बनने का मोटिवेशन और इंस्पिरेशन मिला। वह कहते हैं कि हम सोसाइटी में जितने भी इवेंट या न्यूज देखते हैं, जो आम लोगों को प्रभावित करते हैं। उन पर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट देखकर मोटिवेट हुआ। फैमिली ने भी न्यायिक सेवा में जाने के लिए मोटिवेट किया। कठिन समय में साथ दिया और कहा कि हमेशा अपने लक्ष्य पर फोकस करो, उससे बहुत ताकत मिली। अपने इंटरेस्ट और मोटिवेशन की वजह से ही आप तैयारी में लगे रहते हैं और यह सोच कि आप एक जज के रूप में लोगों के साथ न्याय करेंगे, यह सबसे बड़ा मोटिवेशन है।

 

इंटरव्यू में पूछे गए थे ये सवाल

स्नेहिल कुंवर सिंह कहते हैं कि इंटरव्यू में आपकी पर्सनॉलिटी चेक की जाती है, देखा जाता है कि आप चीजों को कैसे हैंडल करते हैं। इसके लिए जरुरी है कि पाॅजिटिव एटीट्यूड रखें। उनसे भी इंटरव्यू में न्याय व्यवस्था से जुड़े सवाल पूछे गए थे। 

सवाल-  आपके पास इंटरिम इंजक्शन (अंतरिम निषेधाज्ञा) आती है तो उसमें क्या देखेंगे?

जवाब- आर्डर 39 में प्रोविजन्स हैं, जिसमें सिविल कोर्ट को पॉवर है कि आप इंटरिम इंजक्शन, जिनको हम आम बोलचाल की भाषा मे 'स्टे' कहते हैं, वह किस ग्राउंड पर और कब देंगे। 

सवाल- आप कॉर्ल मार्क्स की आइडियोलाजी जानते हैं। ये भी जानते हैं कि इंडिया में आर्टिकल 39 क्लाज बी और क्लाज सी में कुछ सोशलिज्म के एलीमेंट हैं, तो हमारा सोशलिज्म कैसे डिफरेंट है?

जवाब- हमें ये समझना होगा कि जो मार्क्सवाद (Marxism) है, वह हमेशा 'मास' को यानी वर्कर को पॉवर देने की बात करता है। सोसाइटी सिर्फ एक ग्रुप को पाॅवर देने से नहीं चलती है। सबको साथ लेकर चलने से बनती है और हमारी सोसाइटी में फेबियन सोशलिज्म है, जो कि पब्लिक-प्राइवेट को सा​थ लेकर चलता है। उस आधार पर देश ने तरक्की की है।  

स्नेहिल कुंवर सिंह ने प्रिपरेशन के दिएं ये टिप्स

स्नेहिल कुंवर सिंह कहते हैं कि यूपीपीसीएस-जे की तैयारी में लगे युवाओं को निराश और हताश नहीं होना चाहिए। तैयारी में लगे रहें, पूरा प्रयास करें। यदि आप मेहनत करेंगे तो सक्सेस मिलेगी। बेयर एक्ट के प्रोवजिन्स को देखना चाहिए। यह भी ध्यान देना चाहिए कि किसी धारा या अनुच्छेद में क्या चीजें कही गई हैं। उसे सतही तौर पर मत देखें, बल्कि समझें कि यह धारा क्यों बनी है? यदि आप यह समझ जाते हैं तो 80 प्रतिशत काम हो जाएगा। लोगों को ज्यादा डिस्ट्रैक्ट नहीं होना चाहिए और न ही ज्यादा तनाव लेना चाहिए। आप न्याय देने जा रहे हैं, जितने मोटिवेट रहेंगे। उतना ज्यादा ठीक रहेगा। सतही चीजों पर ध्यान न देते हुए अपनी 'कोर' चीजों पर ध्यान रखें।

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