UPSC IAS Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) एग्जाम न केवल कैंडिडेट के समझ की परीक्षा लेती है, बल्कि उनकी मेंटल क्वालिटी भी परखती है। अक्सर यूपीएससी में फेलियर के बाद एस्पिरेंट्स निराश हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह फेलियर ही इंस्पिरेशन बन जाती है। ऐसी ही इंस्पिरेशनल स्टोरी है IAS अधिकारी अर्पिता थुबे की, जिन्होंने हार्ड वर्क के दम पर सफल होकर मिसाल कायम की है।

अर्पिता थुबे एजूकेशन 

अर्पिता थुबे, महाराष्ट्र के ठाणे की रहने वाली हैं। बचपन से ही उनका एकेडमिक रिकॉर्ड शानदार रहा। सरदार पटेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। उसी दौरान सिविल सर्विस में जाने का फैसला लिया और देश की सेवा करने का मन बनाया।

2019 में पहली बार दिया यूपीएससी एग्जाम

अर्पिता साल 2019 में पहली बार UPSC सिविल सेवा एजाम में शामिल हुईं। पर प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं कर सकीं। यह असफलता उनके लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने इसे अपनी जर्नी का अंत मानने के बजाय एक नयी शुरूआत मानी। अपनी कमजोरियों को पहचानने और सुधारने का काम शुरू किया।

दूसरे अटेम्पट में बनीं IPS 

2020 में अर्पिता की मेहनत रंग लाई। उन्हें यूपीएससी में 383वीं रैंक मिली। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में अपनी जगह बनाई। वैसे तो IPS बनना अपने आप में बड़ी उपलब्धि थी, पर अर्पिता का सपना IAS बनने का था।

2022 में बनीं IAS 

IPS बनने के बाद भी अर्पिता ने अपना प्रयास जारी रखा। 2021 में दोबारा UPSC की परीक्षा दी, पर इस बार भी उन्हें मंजिल नहीं मिली। 2022 में अर्पिता ने चौथे और अंतिम प्रयास के लिए कमर कस ली। इस बार उन्होंने अपने IPS की जॉब से छुट्टी लेकर खुद को पूरी तरह से तैयारी में झोंक दिया। उनकी मेहनत रंग लाई, 214वीं रैंक हासिल कर IAS बनीं। अर्पिता ने अपनी तैयारी के दौरान टाइम मैनेजमेंट पर फोकस किया। हर दिन को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर लक्ष्य के अनुसार पढ़ाई की। ग​लतियों से सीखकर खुद को स्ट्रांग बनाया।

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