UPSC CSE Topper Siddharth Srivastava: अगर आप भी यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बनना चाहते हैं तो लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। UPSC सिलेबस और प्रीवियस ईयर क्वैश्चन पता होने चाहिए। ज्यादा से ज्यादा सवालों को हल करना चाहिए। डिस्ट्रैक्शन में बिल्कुल मत पड़िए। आजकल इंफार्मेशन की बाढ़ सी आ गई है। उनमें से लिमिटेड सोर्सेज को रिकाग्नाइज करके पढ़ना चाहिए। फोन पर व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की जगह पॉजिटिव चीजों का यूज करना चाहिए, जो आगे आपके काम आ सकें। माय नेशन हिंदी से बात करते हुए सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने यह बातें कहीं। उन्होंने यूपीएससी 2023 में 118वीं रैंक हासिल की है।

पूछा-...शीशा कहां मिला? जवाब सुनकर हंस पड़ें बोर्ड मेंबर 

सिद्धार्थ श्रीवास्तव का इंटरव्यू बहुत ही दिलचस्प रहा। जैसे ही वह इंटरव्यू के लिए बोर्ड के सामने पहुंचे। एक बोर्ड मेंबर ने पूछा कि आपने कोट के दोनों बटन बंद क्यों कर लिए हैं, क्या यह करने के लिए आपको कोचिंग वालों ने बोला है? आमतौर पर लोग ऐसे सवालों पर चुप हो जाते हैं। एक तरह से यह अभ्यर्थी को टेस्ट करने के साथ सामान्य करने का भी एक तरीका होता है। पर सिद्धार्थ ने उस सवाल का जवाब देकर बोर्ड मेंबर्स का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा कि मुझे अच्छा लग रहा है, तो मैंने बंद कर लिया। फिर बोर्ड मेंबर ने दूसरा सवाल पूछ लिया कि शीशा कहॉं मिला? सिद्धार्थ बोलें कि अभी वॉशरूम यूज किया था। उनका जवाब सुनकर इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य हंसने लगें।

'सेल्फ डिस्कवरी मोड' में जाएं, अपने इंटरेस्ट के बारे में जानें

सिद्धार्थ कहते हैं कि इंटरव्यू का थोड़ा 'हाइक' बना दिया गया है। बोर्ड मेंबर्स बड़े ही 'प्लीजेंट' होते हैं। अच्छे से बात करते हैं। आप 'सेल्फ डिस्कवरी मोड' में चले जाइए। खुद की रूचि और अपने ट्रिगर प्वाइंटर के बारे में जानिए। तब आपको समझ आएगा कि इंंटरव्‍यू क्लियर करना कोई बड़ी बात नहीं है। चीजों को पॉलिटिकली सुधार करने की कोशिश मत करें। जब उन चीजों को आप अपने व्यक्तित्व में देखेंगे तो वह उभर कर आएंगी। पिछली बार इंटरव्यू में मेरे 160 मार्क्स थे। इस बार 175 मार्क्स आए हैं। इम्प्रवूमेंट हुआ है। अभ्यर्थियों को घबड़ाना नहीं चाहिए।

 

पूछे गए जॉब प्रोफाइल, राजस्व और जमीन से जुड़े सवाल

सिद्धार्थ श्रीवास्तव लखनऊ में नायब तहसीलदार के पद पर 2022 से कार्यरत हैं। आईआईटी बीचएयू से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए। इंटरव्यू में उनसे जॉब प्रोफाइल, राजस्व और जमीन से जुड़ी चीजों के बारे में सवाल किए गएं। बोर्ड ने पूछा कि आप आईआईटी से हैं, क्या आप नायब तहसीलदार के पद अपनी प्रोडक्टिविटी को पूरी तरह Inhance कर पाएंगे? 

बोलें-...सच में यही हुआ, दो बार इंटरव्यू, फाइनली सेलेक्शन

सिद्धार्थ ने जवाब देते हुए कहा कि यूपीएससी के चौथे अटेम्पट में मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ। मेरे हाथ में नायब तहसीलदार की जॉब थी। मेरे सीनियर ने जॉब ज्वाइन करने का सुझाव देते हुए कहा था कि आप डीएम साहब को रोज देखिएगा तो अंदर से आपका उत्साह जगेगा कि डीएम कैसे काम करते हैं? और आप अच्छे से पढ़ाई करेंगे। सच में यही हुआ। नौकरी में आने के बाद दो बार इंटरव्यू दिया और फाइनली मेरा सेलेक्शन हुआ।

30 साल बाद आप खुद को कहां देखते हैं?

इंटरव्यू में सिद्धार्थ से पूछा गया कि 30 साल बाद आप खुद को कहां देखते हैं तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि आज भी छोटे स्तर पर जन सामान्य की सेवा करता हूॅं तो जब वह मुझे आशीर्वाद देते हैं तो बड़ी खुशी मिलती है। 30 साल बाद मैं खुद को ऐसे ही देखना चाहता हूॅं कि मैंने किसी इंसान जीवन में कुछ न कुछ ऐसा कार्य किया हो कि उसे संतुष्टि मिली हो और उसकी संतुष्टि ही मेरी संतुष्टि है। 

इस हैबिट ने दिलाई सफलता

सिद्धार्थ बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे, जो चीज एक बार ठान लेते थे। उसे पाने के लिए लगातार प्रयास करते थे। इसी हैबिट ने उन्हें सफलता दिलाई। यूपीएससी 2023 उनका छठां और आखिरी अटेम्पट था। साल 2017 से लगातार यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। बनारस के सेंट जोन्स डीएलडब्ल्यू स्कूल से 10वीं और सन बीम भगवानपुर कॉलेज वाराणसी से 11वीं और 12वीं तक पढ़ाई की। आईआईटी बीएचयू से बीटेक के बाद मारूति कम्पनी में नौकरी का भी मौका मिला। पर उसे छोड़कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान दिया। यूपी पीसीएस की भी परीक्षा देते रहें। पहले प्रयास में एक्साइज इंस्पेक्टर के पद पर सेलेक्शन हुआ था, तीसरे प्रयास में 2022 में नायब तहसीलदार बने थे।

ये भी पढें-UPSC CSE 2023 Topper: दिव्यांगता को मात देकर क्रैक की यूपीएससी, दाएं हाथ का यूज नहीं, व्हील-चेयर पर ...