तमिलनाडु की कोकिला के. ने पति की मौत के बाद स्ट्रगल किया और 'वुडबी टॉयज' नाम से बिजनेस खड़ा किया। आज उनका वेंचर हर महीने ₹30 लाख तक कमाता है। जानिए उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।
नई दिल्ली। कुछ लोग विपरीत परिस्थितियों से जूझकर खुद को साबित करते हैं। तमिलनाडु की कोकिला के. ने भी ऐसा ही किया। पति की मौत के बाद न सिर्फ अपना परिवार संभाला, बल्कि एक सक्सेसफुल बिजनेस भी खड़ा किया। आज उनका वेंचर 'वुडबी टॉयज' हर महीने 20-30 लाख रुपये की कमाई कर रहा है। आइए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।
42 की उम्र में पति नहीं रहें, मेडिकल खर्चों ने तोड़ दिया
कोकिला के. तमिलनाडु के वालाजापेट की रहने वाली हैं। एक मीडिल क्लास फैमिली में जन्मी कोकिला ने गणित में बीएससी किया और फिर सरकारी नौकरी में लग गईं। उनकी शादी एक पेस्टिसाइड डिस्ट्रीब्यूटर से हुई थी, लेकिन जिंदगी ने उनके लिए कुछ और ही लिखा था। 35 साल की उम्र में उनके पति को फेफड़ों का ट्यूमर हुआ, जो लगातार पेस्टिसाइड और फ्यूमिगेशन के संपर्क में रहने का नतीजा था। सात सालों तक उनका इलाज चला, लेकिन 42 की उम्र में उन्होंने दम तोड़ दिया। अचानक कोकिला पर तीन बेटों की जिम्मेदारी आ गई, और मेडिकल खर्चों ने उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ दिया।
दिन में नौकरी, रात में बिजनेस
पति के गुजर जाने के बाद कोकिला को सरकारी नौकरी से मिलने वाली सैलरी से घर चलाना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने अपने तीन बेटों की एजूकेशन और फैमिली के खर्चे पूरे करने के लिए कुछ अतिरिक्त कमाने की सोची। यहीं से उनकी बिजनेस जर्नी की शुरुआत हुई। लकड़ी के बक्सों की सप्लाई का काम शुरू किया। यह उनके लिए नया था। दिन में नौकरी और रात में बिजनेस—कोकिला का स्ट्रगल जारी रहा।
बेटे की एंट्री से बिजनेस को मिली ऊंचाइयां
सालों की मेहनत के बाद जब कोकिला का बेटा बड़ा हुआ, तो उसने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर फैमिली बिजनेस को आगे बढ़ाने का फैसला किया। यह उनके लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। एक दिन बाजार में कोकिला ने देखा कि प्लास्टिक के घटिया खिलौने बाजार में भरे पड़े थे। इनवायरमेंट और बच्चों की सेहत पर उनके दुष्प्रभाव को देखते हुए उन्होंने लकड़ी के खिलौनों का बिजनेस शुरू करने का निर्णय लिया।
वुडबी टॉयज' की शुरुआत
लकड़ी के खिलौने बनाना आसान नहीं था। बाजार में प्लास्टिक खिलौनों की भरमार थी और लोग उन्हें ही खरीदते थे क्योंकि वे सस्ते थे। लेकिन कोकिला और उनके परिवार ने बिल्कुल अलग स्ट्रेटजी बनाई। इको-फ्रेंडली और टिकाऊ खिलौनों पर फोकस किया। बच्चों की सुरक्षा को प्रॉयोरिटी दी। ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देकर सामाजिक बदलाव लाने की दिशा में कदम बढ़ाया। शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे उनका बिजनेस बढ़ता गया।
आज 'वुडबी टॉयज' कहां खड़ी है?
आज 'वुडबी टॉयज' 110 से अधिक तरह के लकड़ी के खिलौने बनाता है और हर महीने 20-30 लाख रुपये का टर्नओवर करता है। कंपनी बच्चों की सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर नॉन-टॉक्सिक और नेचुरल कलर्स का यूज करती है।
Last Updated Feb 3, 2025, 12:32 PM IST