विकल्प बहुत सारे हैं, लेकिन यह वक्त राजनीति का नहीं है। कश्मीर की समस्या को पूरी दुनिया में इस्लामी कट्टरपंथ के प्रसार के नजरिए से देखा जाना चाहिए। वही कट्टरपंथ जिसने भारत और उसकी संस्कृति से हजार सालों तक जंग लड़ने की ठान रखी है। 
नीचे हैं कुछ ऐसे उपाय जिन्हें अपनाने से हिंदुस्तानियों के सीने में जल रही बदले की आग ठंडी की जा सकती है। इसमें कुछ उपायों को एक साथ भी लागू किया जा सकता है। 

1.    सर्जिकल स्ट्राइक: एक छोटे स्तर पर किया गया सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम पूर्ण युद्ध में बदल सकता है लेकिन इससे जनता के गुस्से की आग ठंडी की जा सकती है। लेकिन भारत इसका इस्तेमाल सितंबर 2016 में पहले भी कर चुका है, जिसके कारण यह कोई चौंकाने वाला कदम नहीं रह गया है। साथ ही यह भी है कि पुलवामा अटैक में जितनी बड़ी क्षति हुई है उसका बदला लेकिन के लिए सर्जिकल स्ट्राइक उतना बड़ा कदम नहीं हो सकता है। 

2.    आर्टिकल 370 और 35A को हटाना: कश्मीर को जनसांख्यिकीय युद्ध का क्षेत्र मानते हुए इस इलाके को विशेष क्षेत्र का दर्जा देने वाले दोनों आर्टिकल को हटा लेना। यह दोनों प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने संसद को किनारे करके पिछले दरवाजे से कश्मीर को दिए थे। यह कश्मीर समस्या का दीर्घकालीन समाधान है। इसके जरिए कश्मीर में सभी धर्मों के लोगों का बसाना संभव हो पाएगा, कश्मीर में इस्लामी कट्टरपंथियों को जो जनसांख्यिकीय सुरक्षा हासिल है उसे हटाकर इस क्षेत्र को भारतीय मुख्यधारा में शामिल किया जाना कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान है।

3.    देश के दूसरे हिस्से के लोगों को कश्मीर में बसने के लिए प्रेरित करना: फिलहाल 22 ट्रेनें श्रीनगर स्टेशन पर रुकती हैं। इसमें से ज्यातर ट्रेनें यूपी और बिहार जैसे हिंदीभाषी क्षेत्र से श्रीनगर जाती हैं, जहां नौकरी के लिए जबरदस्त तरीके से प्रवास किया जाता है। ऐसे लोगों को कश्मीर में बसाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।

4.    पाकिस्तान को गंभीर क्षति पहुंचाना: पाकिस्तान के कराची में जान देने के लिए उतारु आत्मघाती फिदायीन हमलावर की तलाश करना ज्यादा आसान है बनिस्पत कानपुर के। पाकिस्तान ने अपने घर में बड़े जतन से आतंकवाद का पूरा साजोसामान संभाल रखा है। भारत को इसी आतंकवाद के नेटवर्क का इस्तेमाल पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए करना चाहिए। बलोचिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनवा इलाके में अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं, भारत को इन सभी का समर्थन करना चाहिए और उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए। 1971 में बांग्लादेश में हम इस तरह के कदम की सफलता देख चुके हैं, जब हमने पाकिस्तान को दो हिस्सों मे तोड़ देने में सफलता हासिल की थी। पाकिस्तान भारत को हजार घाव देने की मंशा रखता है, हमें अपने दुश्मन को कई हिस्सों में  बांट देने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए।
 
5.    उनकी नदियों को सुखा देना: पाकिस्तान की असहनीय करतूतों के बावजूद भारत अब तक 1960 में हुए सिंधु जल समझौते का सम्मान करता आया है। इस समझौते में भारत ने अत्यधिक उदार रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को बड़ी राहत देता आया है। लेकिन अब पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन हमारे जलस्रोतों को बाधित करने की कोशिश कर रहा है। हमें चीन को समझाने के लिए कूटनीतिक रास्ता अख्तियार करना चाहिए। क्योंकि चीन के शिनजियांग इलाके में इस्लामी कट्टरपंथी लगातार जिहाद फैलाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।

6.    पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अलग थलग कर देना: भारत ने पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अहम स्थान हासिल किया है, यहां तक कि मध्य पूर्व के इस्लामिक देशों में भी। पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए भारत को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए उसपर और प्रतिबंध लगवाने चाहिए। जिसकी वजह से पाकिस्तान चीन और ज्यादा निर्भर हो जाएगा और अपनी मर्जी से कदम उठाने की उसकी स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी। चीन के दबाव की वजह से पाकिस्तान में असंतोष पनपेगा क्योंकि विदेशों से आने वाली मदद का ज्यादातर हिस्सा पाकिस्तान के सामंतवादी सैन्य जनरलों के पास आता है।

7.    पाकिस्तान को आतंकवादी राज्य घोषित करना: एक प्राईवेट मेम्बर बिल में यह मांग की गई थी कि पाकिस्तान के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध खत्म करके उसे आतंकवाद को समर्थन देने वाला राज्य घोषित कर देना चाहिए। इसकी वजह से पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव बढ़ेगा और उसपर गंभीर प्रतिबंध लगाए जा सकते  हैं।

8.    कश्मीरियों और पाकिस्तान के संबंध में दरार डालना: कश्मीर में बड़ी कार्रवाई की जरुरत है। पाकिस्तान ने पैसे और संसाधन भेजकर पूरी कश्मीर घाटी को जिहाद की प्रयोगशाला में तब्दील कर दिया है। हजारो युवकों का ब्रेनवाश किया गया है। आतंकवादियों और उनके परिवारों को भी वही दहशत महसूस होनी चाहिए जो कश्मीर की आम जनता झेलती है। पाकिस्तान से पैसों के प्रवाह पर कड़ी रोक लगाई जानी चाहिए।

9.    पाकिस्तान में पल रहे शैतानों का खात्मा: भारत को पाकिस्तान में शरण लिए हुए दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद या मसूद अजहर जैसे दुर्दान्त अपराधियों आतंकियों की खत्म करवा देना चाहिए या फिर उन्हें कब्जे में लेकर सजा दिलवानी चाहिए। जिसकी वजह से हमारे दुश्मनों के दिल में दहशत पैदा होगी।  इसके अतिरिक्त दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए भारत को अमेरिका की तरह क्रूज मिसाइल या ड्रोन का इस्तेमाल भी कर सकता है। 

10.    एक पूर्ण युद्ध: यह एक आखिरी विकल्प है। जिससे बचने की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए। भारत वैश्विक स्तर पर एक उभरती हुई ताकत है उसकी अर्थव्यवस्था लगातार सुधर रही है। वहीं पाकिस्तान एक डूबता हुआ जहाज है जिसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए एक पूर्ण युद्ध भारत को नुकसान पहुंचा सकता है। पाकिस्तान को अपने आप में तबाह है ही।  
वैसे यह मात्र कुछ विकल्प हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पास निश्चित तौपर ज्यादा बड़ी और चौंकाने वाले कदम हो सकता हैं। भारत या तो प्रतिक्रिया व्यक्त करे या फिर इन उपायों पर अमल करे। यह बेहद जरुरी है और इसमे देर कतई नहीं होनी चाहिए।