सोमवार को माय नेशन ने एक बड़ी खबर ब्रेक की थी। जिसमें राहुल गांधी के करीबी निखिल अल्वा, जो कि कांग्रेस नेता मार्ग्रेट अल्वा के बेटे हैं, उनके खिलाफ उन्हीं की सोसायटी मे रहने वाली एक महिला ने पीछा करने और अभद्रता का आरोप लगाया था। 

इस मामले में पीड़त महिला ने राज्य महिला आयोग के सामने गुहार लगाई थी। 
माय नेशन की खबर को देखते हुए और मामले की गंभीरता को समझते हुए हरियाणा महिला आयोग ने पीड़िता की शिकायत का संज्ञान लिया है। 

माय नेशन से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए महिला आयोग की उपाध्यक्ष प्रीति भारद्वाज ने कहा कि ‘इस मामले में बुधवार को गुरुग्राम पुलिस से एक्शन टेकेन रिपोर्ट मांगी जाएगी।’(इस रिपोर्ट में गुरुग्राम पुलिस को एफआरआर के बाद उठाए गए कदमों की जानकारी देनी होगी)

दूसरी ओर माय नेशन ने पीड़िता से एक्सक्लूसिव बातचीत की। जिसमें उन्होंने गुरुग्राम पुलिस पर लापरवाही और अल्वा के राजनीतिक रसूख से प्रभावित होकर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। 

‘मैने चार दिसंबर को डीएलएफ फेज-3 में एफआईआर दर्ज कराई थी। लेकिन आज तक कोई पुलिस कार्रवाई अल्वा पर नहीं हुई। मैने पुलिस को सारे सबूत दे दिए थे। मैने पुलिस कमिश्नर से भी गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।’

माय नेशन के पास पुलिस कमिश्नर के पास भेजी गई शिकायत की कॉपी उपलब्ध है। गौरतलब है कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी 9 दिसंबर को अल्वा ने उनको धमकी दी। 

पीड़िता ने  कमिश्नर से यह भी कहा कि क्योंकि वह अपने घर में दो बच्चों के साथ अकेली रहती हैं। इसलिए उन्हें अपने तथा अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता लगातार बनी रहती है।

एक ओर जहां अल्वा ने माय नेशन से कहा था कि उनके बीच की लड़ाई आरडब्लूए की राजनीति को लेकर थी। वहीं शिकायतकर्ता ने माय नेशन को बताया कि पहले तो वह आरडब्लूए के बोर्ड ऑफ मैनेजमेन्ट में नहीं हैं और दूसरी ओर अल्वा के द्वारा रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटी को दी गई शिकायत जहां तीस नवंबर की है। 

वहीं उन्होंने अपने वकील के जरिए अल्वा को उनके भद्दे व्यवहार को देखते हुए 26 अक्टूबर को ही कानूनी नोटिस भेज दिया था। 

इस मामले में क्या हुआ था पहले: 
 
 निखिल अल्वा को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल के ‘गेटकीपर’  के नाम से जाना जाता है। निखिल वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा के बेटे हैं।  शिकायतकर्ता निखिल की पड़ोसी हैं जो कि गुरुग्राम में उनकी हाई प्रोफाइल रेसिडेन्शियल सोसायटी में ही रहती हैं। 

माय नेशन के हाथ 4 दिसंबर को दर्ज कराई गई पुलिस की एफआईआर की कॉपी लगी है। 

पीड़िता ने आरोप लगाया है कि अल्वा अक्सर रेसिडेंट्स के ऑनलाइन ग्रुप में सार्वजनिक रुप से किए गए ई-मेल में अश्लील और यौन परक टिप्पणियां करते थे। 
मायनेशन ने जुलाई में कांग्रेस सोशल मीडिया प्रमुख दिव्य स्पंदना पर पेशेवर उत्पीड़न और उनके सहयोगी चिराग पटनायक पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। इस मामले में पटनायक के नाम से पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। 

माय नेशन ने ही सबसे पहले अक्टूबर में एनएसयूआई के अध्यक्ष फैरोज खान के खिलाफ गंभीर यौन शोषण के आरोपों से संबंधित स्टोरी चलाई थी, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था। 

पूर्व मंत्री के बेटे के उपर लगे कई आरोप 


इस बारे मे जब माय नेशन ने अल्वा से पूछा तो उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को गलत करार दिया। 
उन्होंने कहा कि‘इस पूरे झगड़े की वजह आरडब्लूए की राजनीति है। यह महिला और मैं एक दशक से ज्यादा समय से आरडब्लूए में विरोध रहे हैं। हमारे झगड़े होते रहते हैं। लेकिन यह मजाक तक ही सीमित रहते हैं।इन्होंने मेरे उपर जो आरोप लगाए हैं वह आरडब्लूए के मेल ग्रुप पर हुई बातचीत, जो कि 345 और लोगों के सामने हुई है, के आधार पर लगाए हैं।’ 

उन्होंने कहा ‘यह बातचीत मेरी पत्नी और उनके पति के सामने हुई’। 


अल्वा ने यह भी कहा कि कुछ दिन पहले मैनें रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटी में इन महिला के खिलाफ आरडब्लूए में पैसे की घपलेबाजी की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके दो ही दिन बाद इन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। 

47 साल की शिकायतकर्ता महिला ने अपनी एफआईआर में कहा है कि ‘निखिल जानबूझकर गलत मंशा से मुझे ईमेल भेजते थे, जिसमें यौनपरक बातें हुआ करती थीं। मैने उनको इस बारे में चेतावनी भी दी कि मुझे इस तरह की भाषा से परहेज है और उन्हें इसके लिए मुझसे माफी मांगनी चाहिए।’

अल्वा बने अल्फा मेल?
माय नेशन के पास अल्वा और उस महिला के बीच ईमेल के जरिए हुई बातचीत उपलब्ध है। कम से कम चौदह बार अल्वा ने इस महिला को मेल भेजा। महिला ने बताया कि इसमें से कुछ मेल ऐसे हैं जिनमें अल्वा ने उन्हें अनाप-शनाप बातें जैसे सनकी, पागल, बददिमाग, झूठी, मक्कार और यौनपरक बातें लिखीं। 

अल्वा ने एक मेल में यह भी लिखा कि आपके मेल मैं एक किताब में लिखूंगा जिसका नाम होगा ‘आंटी जी की सिली और हसीन मेल’। 

अपनी मेल में कई बार अल्वा ने इस महिला को ‘हगीज जी’ कहकर संबोधित किया है। एक मेल मे यह भी लिखा है कि वह महिला उनपर मरती है लेकिन उसे अपनी भावनाओं को व्यक्त करना नहीं आता। 

पीड़िता ने एक बार फिर अल्वा को बताया कि इस तरह की भाषा अवांछनीय है। लेकिन इसका कोई असर नहीं जान पड़ा। 

अल्वा पर आईपीसी की धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। यह धारा पीछा करने से संबंधित है। साथ ही उनपर धारा 509 भी लगाई गई है। यह धारा तब लगाई जाती है जब कोई व्यक्ति एक महिला की इज्जत से खिलवाड़ करता है।