देश भर में #MeToo अभियान के तहत रोज हो रहे खुलासों के बीच केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि वह हर शिकायतकर्ता के दर्द और सदमे को समझती हैं। और महिलाओं को भी आगे आकर अपने अनुभव साझा करने चाहिए। उनका मंत्रालय कानूनी जानकारों की एक  समिति बनाने पर विचार कर रहा है। ये समिति इस अभियान से सामने आए यौन उत्पीड़न के आरोपों को देखेगी। 

मेनका ने कहा,‘मैं हर शिकायतकर्ता के दर्द और सदमे को समझती हूं। मैं उन सब पर विश्वास करती हूं।’ हालांकि उन्होंने अपने सहयोगी एम जे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की। अकबर के साथ काम करने वाली अनेक महिलाओं ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाएं हैं। 

यौन उत्पीड़न के आरोप विदेश राज्य मंत्री के अलावा फिल्म निर्देशक साजिद खान, अभिनेता आलोक नाथ और नाना पाटेकर पर भी हैं। इन नामों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है। गांधी ने कहा, ‘#MeToo अभियान के तहत सामने आये मामलों की पड़ताल के लिए मैं एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव पेश कर रही हूं जिसमें वरिष्ठ न्यायिक और विधि क्षेत्र के लोग शामिल होंगे।’ 

उन्होंने कहा, ‘एक महिला को इस तरह आगे आने में काफी हिम्मत दिखानी पड़ती है। इतने बड़े मामले पिछले 25 वर्ष से दबे हुए थे। सवाल यह है कि इतने वर्ष बीत चुके है ऐसे में वे यह सब साबित कैसे कर पाएंगी कि....उन्हें गालियां दी गईं, उन्हें छुआ गया, नोंचा गया, उनके कपड़े खींचे गए...।’

उन्होंने कहा, ‘पहली चीज जो करनी चाहिए वह यह है कि इन राक्षसों के नाम सामने लाकर उन्हें शर्मसार करना चाहिए। नाम सामने लाने और शर्मसार करने से महिलाओं ने जो दर्द सहा है, वह कुछ कम होगा और दूर तक इसका असर दिखेगा।’ 

उन्होंने कहा कि अगला कदम एक समिति बनाना है जो महिलाओं की बात सुने। गांधी ने कहा कि महिलांए शी बॉक्स के जरिए www.shebox.nic.in शिकायत कर सकती है। यहां किसी भी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा सकती हैं। शिकायत एमआईएन-डब्ल्यूसीडी@एनआईसीडॉटइन में भी दर्ज कराई जा सकती है। मंत्रालय प्रत्येक मामलों को बारीकी से देखेगा।