तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बहुत बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है, कि ‘'हर कोई जानता है कि राहुल गांधी क्या हैं.. वह देश के सबसे बड़े मसखरे हैं। सारे देश ने देखा कि किस तरह वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास गए और उन्हें गले लगाया और फिर आंख मारी। वह हमारे लिए संपत्ति की तरह हैं, जितनी ज्यादा बार वह तेलंगाना आएंगे हम उतनी ज्यादा सीटें जीतेंगे।'’

के.चंद्रशेखर राव तेलंगाना विधानसभा भंग करने की घोषणा करते हुए प्रेस कांफ्रेन्स कर रहे थे। इस दौरान उन्होने राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी पर जमकर हमला बोला और राहुल गांधी पर उपरोक्त बयान दिया। केसीआर के इस बयान पर भारी हंगामा होने की आशंका है।

विधानसभा भंग किए जाने की सिफारिश करने के साथ ही केसीआर की पार्टी टीआरएस यानी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 105 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी। इससे पहले राज्य विधानसभा भंग किए जाने के कैबिनेट के फैसले को राज्यपाल ई.एल.नरसिम्हन ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद राज्य में समय से पहले चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है।

अपनी प्रेस कांफ्रेन्स के दौरान केसीआर सिर्फ ने सिर्फ राहुल गांधी पर ही हमला नहीं बोला, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी को अपने निशाने पर लिया। राव ने कहा, 'कांग्रेस की सरकार बिल्कुल अनचाही थी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोई विकास नहीं हुआ। 2014 से पहले तलंगाना में बम ब्लास्ट, बिजली, सांप्रदायिक हिंसा जैसे कई मुद्दे थे। अब हम इन सबसे मुक्त हैं, मैं कांग्रेस को मैदान में आकर चुनाव लड़ने की चुनौती देता हूं, जनता उन्हें जवाब देगी।'  

टीआरएस प्रमुख ने आगे कहा, 'राहुल गांधी ने कांग्रेस की दिल्ली सल्तनत की विरासत को अपनाया है। वह दिल्ली में कांग्रेस के सम्राज्य के कानूनी वारिस हैं। इसलिए मैं लोगों से अपील करता हूं कि कांग्रेस और दिल्ली के गुलाम ना बनें।

उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावनाओं को भी खारिज कर दिया। वहीं असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए केसीआर ने कहा, 'हम अकेले चुनाव लड़ने जा रहे हैं, लेकिन एमआईएम हमारी दोस्त है।'

तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटें हैं, जिसमें से टीआरएस के पास 63 विधायक हैं। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के 13 विधायक हैं। तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल अभी 9 महीने और बाकी था। लेकिन राज्य में फिलहाल अपनी पार्टी की मजबूत स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री केसीआर ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है।