नई दिल्ली। देशभर में अभी भी प्याज की कीमत कम होन का नाम नहीं ले रही हैं। प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम है। लेकिन जो जानकारी सामने आ रही है। उसको देखकर लग रहा है कि राज्य सरकारें भी प्याज की बढ़ी हुई कीमत के लिए जिम्मेदार है। क्योंकि केन्द्र सरकार का कहना है कि राज्य आयातित प्याज को नहीं ले रहे हैं। जिसके कारण प्याज की कीमत कम नहीं हो रही हैं।

केन्द्र सरकार ने प्याज की कमी को पूरा करने के लिए विदेशों से प्याज का आयात किया है। ये प्याज बंदरगाहों पर पड़ा हुआ है। लेकिन राज्य सरकार इन प्याज को उठाने में आनाकानी कर रही हैं। जिसके कारण अभी भी देश में प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर है। हालांकि पहले प्याज ने 200 रुपये का रिकार्ड बनाया था। केन्द्र सरकार ने विदेशों से प्याज आयात किया है लेकिन ये जनता तक नहीं पहुंच रहा है। असल में पिछले दिनों ही इस मामले को लेकर केन्द्रीय उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाक़ात कर प्याज को उठाने के लिए राज्य सरकारों से बात करने की गुज़ारिश की है।

क्योंकि अमित शाह की अगुवाई में ही प्याज के लिए समिति बनाई गई है, जिसने ये फैसला किया है कि आगामी सीजन से देश में एक लाख टन का बफर स्टॉक बनाया जाएगा। केन्द्र सरकार ने प्याज की मांग को देखते हुए तुर्की श्रीलंका और मिस्र से करीब 42500 मीट्रिक टन प्याज का आयात  किया था और अब ये प्याज आना शुरू हो गया है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि राज्य सरकारें आयातित प्याज़ को ख़रीदने को तैयार ही नहीं है। हालांकि सात राज्यों ने प्याज की मांग की थी और उन्हें प्याज उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन बाकी के राज्य प्याज को नहीं खरीद रहे हैं और जिसके कारण अभी भी बाजार में प्याज की कीमत 100 रुपए प्रति किलो है। अभी तक आंध्र प्रदेश , कर्नाटक और दिल्ली ने ही प्याज खरीदा है।