कांग्रेस ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ से बेहद परेशान है और इसकी रिलीज रुकवाने के लिए हर तरीके आजमा रही है। कांग्रेस के मुताबिक 'भारतीय जनता पार्टी’ ने फिल्म को राजनीतिक हथियार बना लिया है। 

लेकिन यह फिल्म बनाने वालों का बीजेपी से कनेक्शन होता तो इसके निर्देशक विजय रत्नाकर गुट्टे को जेल की हवा नहीं खानी पड़ती। गुट्टे को इसी साल अगस्त महीने में गिरफ्तार किया गया था। 

उनपर आरोप था कि, उन्होंने माल और सेवा कर (GST) से जुड़े 34 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। इस आरोप में उन्हें GST इंटेलिजेंस ने मुंबई से गिरफ्तार भी किया था। 

जिसके बाद मुंबई की एक अदालत ने गुट्टे को 14 अगस्त तक ऑर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।गुट्टे को CGST अधिनियम की धारा 132 (1) (सी) के तहत अदालत ने जेल भेजा गया था। 

गुट्टे पर आरोप था कि उन्होंने होरायजन नाम की कंपनी को उनकी कंपनी वीआरजी डिजिटल ने एनीमेशन और सर्विस के लिए 266 करोड़ रुपए दिए थे। इस पर फर्जी दस्तावेज देकर 34 करोड़ रुपए जीएसटी क्रेडिट हासिल करने की कोशिश की गई थी। 

होरायजन कंपनी के खिलाफ पहले से 170 करोड़ के फर्जी जीएसटी बिल का मामला चल रहा है। क्लाइयंट को फर्जी जीएसटी बिल देकर कंपनी करोड़ों का घोटाला करती थी। 

गुट्टे के खिलाफ सेक्शन 132(1) (C) के तहत मामला दर्ज हुआ। जिसके नियमों के मुताबिक 5 करोड़ से ज्यादा रकम गलत तरीके से लेने पर दोषी को जुर्माना और 5 साल की सजा होती है। 

गुट्टे को 15 अगस्त 2018 को जमानत मिल गई थी। उन्होंने फिल्म के ट्रेलर रिलीज कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई।