वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 66 मामलों का निपटारा कर लिया है। इस कदम के बाद मार्च 2019 तक एनसीएलटी के जरिए कुल कर्ज वसूली की रकम 1.5 लाख करोड़ रूपये तक पहुंच जाएगी। 

वित्त मंत्री ने बताया कि एनसीएलटी ने कॉर्पोरेट बैंकरप्ट्सी के मामलों को 2016 के अंत से लेना शुरू कर दिया।  अभी तक 1,322 मामले सुनवाई के लिए स्वीकार किए हैं।

 उन्होंने बताया कि 4,452 मामले ऐसे रहे जिनका निपटारा एनसीएलटी द्वारा सुनवाई के लिए स्वीकार किए जाने से पहले ही हो गया। वहीं 66 मामलों में सुनवाई के बाद फैसला किया गया जबकि 260 मामलों में संपत्ति बेचकर कर्ज वसूली का आदेश दिया।
 
जेटली ने कहा कि एनपीए खाते जिस तेजी से मानक खातों में बदल रहे हैं और एनपीए कैटिगरी के नए खातों में कमी आ रही है उससे पता चलता है कि कर्ज देने और उधार लेने की प्रक्रिया में सुधार हो रहा है। 

वित्त मंत्री ने कहा कि 2008 से 2014 के दौरान बैंकों ने अंधाधुंध कर्ज बांटा जिसकी वजह से एनपीए का प्रतिशत काफी ऊंचा हो गया।

वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कॉर्पोरेट बैंकरप्ट्सी मामलों के निपटान में वह ‘पुरानी प्रणाली की विरासत’ छोड़ गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) की वसूली की दिशा में तेजी से कार्रवाई की और दीवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) भी बनाई। 

अरुण जेटली ने यह स्पष्ट किया कि पुराने मामलों का निपटारा किए जाने की प्रक्रिया में किसी तरह का सरकारी हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है।