अमेरिका में रहने वाले सिखों ने 1984 के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की नरेंद्र मोदी सरकार की कोशिशों की प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री के पक्ष में पारित एक प्रस्ताव में ‘सिख्स ऑफ अमेरिका’ संगठन के प्रमुख जसदीप सिंह ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों से भारत और विदेशों में रहने वाले सिखों के लिए अच्छी खबरें आ रही हैं।’

1984 से जुड़े मामलों पर उन्होंने कहा, ‘अंतत: हमें अंधेरे में आशा की किरण दिख रही है। हालांकि, अभी और भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले हफ्तों और महीनों में 1984 में सिखों के खिलाफ हुई घटनाओं में शामिल दूसरे नेताओं को भी न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।

संगठन ने पंजाब में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखे जाने के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताया है। संगठन ने लिखा है, ‘हम भारत और विदेशों में रहने वाले सिखों के पुराने सपने को पूरा करने तथा 26 नवंबर, 2018 को करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के आभारी हैं।’

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘चूंकि आधारशिला पाकिस्तान की ओर भी रखी गई है, पूरी दुनिया के सिख इस तीर्थयात्रा का पूरी उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।’ वाशिंगटन के मैरीलैंड में ‘सिख्स ऑफ अमेरिका’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में इस प्रस्ताव की प्रति भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई। यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को भारत में पंजाब के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ेगा।  करतारपुर में सिखों के पहले गुरु नानकदेव जी ने अपना अंतिम समय गुजारा था। भारतीय सिखों को 1522 में गुरु नानकदेव द्वारा स्थापित इस गुरुद्वारे की यात्रा करने के लिए वीजा नहीं लेना होगा। करतारपुर जाने के लिए सिखों को सिर्फ एक परमिट लेने की जरूरत होगी।

फैसले के बाद सुनिये क्या कहा पीड़ितों ने

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