1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के सरेंडर करने के बाद सिख नेताओं ने कहा है कि जब तक दंगों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता है, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।

कुमार (73) ने सोमवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदिति गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिन्होंने उन्हें मंडोली जेल भेजे जाने का आदेश दिया । 
दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को इस मामले में 17 दिसंबर को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा मिलने के बाद कुमार ने कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। अदालत ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया था।

शिरोमणि अकाली दल के सदस्य मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे पीड़ितों के लिए एक ‘बड़ी राहत’ करार देते हुए कहा, ‘लाखों लोग जिनके सीने में 1984 के दंगों का दर्द दबा है, वे सज्जन को आत्मसमर्पण करते देखना चाहते थे। यह दंगों में शामिल मुख्य नेताओं को सजा मिलने की शुरुआत है।’ उन्होंने कहा, ‘सिख दंगों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को जब तक न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे ।’ 

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने कहा कि कुमार के जेल जाने से अन्य गवाहों को ताकत मिलेगी जो पहले आगे आने से डरे हुए थे। उन्होंने कहा, ‘हम उन गवाहों की मौत के मामलों में भी रोजाना सुनवाई किए जाने की मांग करेंगे जो आगे आना चाहते थे ।’ 

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह ने कहा कि यह सिखों के लिए एक बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने कहा, ‘इससे चौतरफा एक संदेश गया है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में शामिल कोई भी नहीं बचेगा और हम चाहते हैं कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को उनके अपराधों की सजा मिलनी चाहिए।’