जयपुर। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन के साथ ही राजस्थान के बाड़मेर जिले के 50 मुस्लिम परिवार के 250 लोगों ने हिन्‍दू धर्म में वापसी की है। इन लोगों का कहना है कि स्वेच्छा से हिन्दू धर्म ग्रहण किया है और उनके पूर्वजों को डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया गया था और अब ये लोग हिंदू धर्म में वापसी कर रहे हैं और धर्म प्रचार करेंगे। ताकि अन्य मुस्लिम भी हिंदू धर्म में वापसी करेंगे।


बुधवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के वक्त ही इन लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की। जानकारी के मुताबिक राजस्थान के बाड़मेर जिले के पायला कल्ला पंचायत समिति के मोतीसरा गांव में रहने वाले 50 मुस्लिम परिवारों के करीब 250 लोगों ने हिंदू धर्म ग्रहण किया है। हिन्‍दू धर्म अपनाने वाले परिवार के लोगों का कहना है कि उनके पूर्वज हिन्‍दू थे और जब उन्हें इस बात का ज्ञान हुआ और हिंदू धर्म की अच्छाईयों के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने बिना किसी के दबाव के स्वेच्छा से हिन्‍दू धर्म ग्रहण करने का फैसला किया।

इन का कहना है कि इन नाम भी हिंदू धर्म के आधार पर थे, जबकि पूजा पद्धति मुस्लिमों की तरह थी। हिन्‍दू धर्म अपनाने वाले सुभनराम का कहना है कि मुगल काल में मुस्लिमों ने उनके पूर्वजों को डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया लेकिन उनका असली धर्म हिंदू है और वह हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे। उनका कहना है कि इतिहास की जानकारी होने के बाद हम लोगों ने फैसला किया है कि हम हिंदू हैं और हमें वापस हिंदू धर्म में जाना चाहिए। हमारे सभी रीति रिवाज हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं और इसके बाद परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई। इसके बाद घर पर हवन यज्ञ करवाकर जनेऊ पहनकर परिवार के सभी 250 सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी की।

मनाते हैं हिंदू त्‍योहार 

इस गांव के रहने वाले हरजीराम का कहना है कि कंचन ढाढ़ी जाति से ताल्लुक रखने वाले ये परिवार बरसों से हिंदू रीति रिवाजों का पालन कर रहे हैं और हर साल अपने घरों में हिंदू त्‍योहारों को ही मनाते हैं। लिहाजा इन लोगों ने श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम के मंदिर के शिलान्यास के समारोह के मौके पर हिंदू धर्म में वापसी का फैसला किया। इसके बाद हवन पूजा पाठ किया गया और हिंदू संस्कृति का पालन करने का संकल्प लिया। गांव के पूर्व सरपंच प्रभुराम कलबी ने बताया कि पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है और इन लोगों का हिंदू धर्म में वापसी का स्वागत किया है।