जम्मू कश्मीर से 370 हटने के बाद विदेशी सांसदों का पहला दल घाटी का दौरान करेगा। भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा लिया था। जिसके बाद पाकिस्तान बौखला गया था और उसने तमाम तरह की कोशिश की थी कि इसे वह अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना दे। लेकिन भारत सरकार की कोशिशों से ऐसा नहीं हो पाया। महज तीन देशों ने उसका साथ दिया। तुर्की और मलेशिया के साथ चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया।
नई दिल्ली। पाकिस्तान का कश्मीर पर बोले जाने वाला झूठ अब दुनिया के सामने आएगा। अभी तक विश्व बिरादरी के सामने बेनकाब हो चुके पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगने वाला है। क्योंकि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार 28 यूरोपीय सांसद वहां का दौरा करेंगे और हालत के बारे में अपने देश की संसद को बताएंगे।
जम्मू कश्मीर से 370 हटने के बाद विदेशी सांसदों का पहला दल घाटी का दौरान करेगा। भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा लिया था। जिसके बाद पाकिस्तान बौखला गया था और उसने तमाम तरह की कोशिश की थी कि इसे वह अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना दे। लेकिन भारत सरकार की कोशिशों से ऐसा नहीं हो पाया। महज तीन देशों ने उसका साथ दिया। तुर्की और मलेशिया के साथ चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया।
लेकिन इसके साथ विश्व के सभी देशों ने पाकिस्तान को तर्क को दरकिनार कर दिया। यही नहीं मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। यहां तक की सऊदी अरब ने ये भी कह दिया कि पाकिस्तान इस्लाम और मुस्लिम के नाम पर मुस्लिम देशों को ब्लैकमेल न करे। क्योंकि ये भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है। अब यूरोपियन संसद का प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा। ये पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका होगा। क्योंकि अभी तक पाकिस्तान विश्व भर में एक तरफा तस्वीर पेश कर रहा था।
भारत सरकार ने दल को वहां का दौरा करने की मंजूरी देने के बाद पाकिस्तान को एक तरह के दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 28 सदस्य होंगे। हालांकि ये प्रतिनिधिमंडल पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात करेगा। हालांकि इससे पहले किसी भी विदेशी दल को जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। लेकिन ये पहला मौका है जब 28 सांसद जम्मू कश्मीर का दौरा करेंगे।
असल में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद भारत ने दुनिया के सामने अपने पक्ष रखा था और सभी ने भारत का साथ देते हुए इसे आंतरिक मामला बताया था। हालांकि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र और यूरोपियन संसद में इस मसले को उठाया था। लेकिन वहां उसे मुंह की खानी पड़ी थी।
Last Updated Oct 28, 2019, 2:49 PM IST