जम्मू कश्मीर में इस महीने चार चरणों में होने जा रहे स्थानीय निकाय चुनावों को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए आतंकियों के 500 सक्रिय कार्यकर्ताओं (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) को गिरफ्तार किया गया है। 
राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि धमकी देने वाले और साजिश रचने वाले तथा चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों के 450 से 500 कार्यकर्ताओं को पिछले एक हफ्ते में गिरफ्तार किया गया है। 

उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सुगमता से चुनाव संपन्न कराने के लिए किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 

प्रथम चरण के मतदान के तहत 8 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण का मतदान 10 अक्टूबर, तीसरे चरण का 13 अक्टूबर और चौथे एवं अंतिम चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होने का कार्यक्रम है। मतगणना 20 अक्टूबर को होगी।

अधिकारी ने बताया कि कुल 422 वार्डों में प्रथम चरण के मतदान के लिए 1,283 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें जम्मू में 1010, कश्मीर में 207, लद्दाख में 66 उम्मीदवार हैं। 

राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि चार चरणों में होने वाले चुनाव के लिए कुल 2,990 उम्मीदवार मैदान में हैं। अंतिम चरण के लिए नाम वापस लेने का आखिरी दिन शुक्रवार था। 
लगभग 244 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर कश्मीर घाटी से हैं। 

राज्य की मुख्यधारा की दो पार्टियों – नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने संविधान के अनुच्छेद 35 - ए की वैधता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिए जाने के चलते इन चुनावों का बहिष्कार किया है। माकपा और बसपा ने भी नगर निकाय चुनावों से दूरी बना ली है। 

इस तरह, भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है। हालांकि, दोनों पार्टियां, खासतौर पर जम्मू क्षेत्र में नेशनल पैंथर्स पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों की अनदेखी नहीं कर सकती हैं।