साल 2018 के अंतिम और 'मन की बात' के 51वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नकारात्मकता फैलाना बहुत आसान होता है, लेकिन हमारे समाज में, हमारे आस-पास बहुत कुछ अच्छे काम हो रहे हैं और यह सब 130 करोड़ भारतवासियों के सामूहिक प्रयासों से हो रहा है। 

देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए पीएम मोदी ने कहा, साल 2018 खत्म होने वाला है। हम 2019 में प्रवेश करने वाले हैं। स्वाभाविक रूप से ऐसे समय,बीते वर्ष की बातें चर्चा में होती हैं, तो आने वाले वर्ष के संकल्प की भी चर्चा सुनाई देती है। चाहे व्यक्ति का जीवन हो, समाज का जीवन हो, राष्ट्र का जीवन हो – हर किसी को पीछे मुड़कर के देखना भी होता है और आगे की तरफ जितना दूर तक देख सकें,देखने की कोशिश भी करनी होती है और तभी अनुभवों का लाभ भी मिलता है और नया करने का आत्मविश्वास भी पैदा होता है। हम ऐसा क्या करें जिससे अपने स्वयं के जीवन में बदलाव ला सकें और साथ-ही-साथ देश एवं समाज को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें। आप सबको 2019 की ढेर सारी शुभकामनाएं।आप सभी ने सोचा होगा कि 2018 को कैसे याद रखा जाए। 2018 को भारत एक देश के रूप में, अपनी एक सौ तीस करोड़ की जनता के सामर्थ्य के रूप में, कैसे याद रखेगा - यह याद करना भी महत्वपूर्ण है। हम सब को गौरव से भर देने वाला है।

2018 में विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ की शुरुआत हुई। देश के हर गांव तक बिजली पहुंच गई। विश्व की गणमान्य संस्थाओं ने माना है कि भारत रिकॉर्ड गति के साथ, देश को गरीबी से मुक्ति दिला रहा है। देशवासियों के अडिग संकल्प से स्वच्छता कवरेज बढ़कर के 95% को पार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

आजादी के बाद लालकिले से पहली बार, आज़ाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ पर तिरंगा फहराया गया। देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले, सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ देश को मिली। दुनिया में देश का नाम ऊंचा हुआ। देश को संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ' से सम्मानित किया गया। सौर ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन में भारत के प्रयासों को विश्व में स्थान मिला। भारत में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली महासभा ‘इंटरनेशनल सोलर एलायंस’ का आयोजन हुआ। हमारे सामूहिक प्रयासों का ही नतीजा है कि हमारे देश की कारोबारी सुगमता सूची में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। देश की आत्मरक्षा को नई मजबूती मिली है। इसी वर्ष हमारे देश ने सफलतापूर्वक न्यूक्लियर ट्रायड को पूरा किया है, यानी अब हम जल, थल और नभ-तीनों में परमाणुशक्ति संपन्न हो गए हैं। देश की बेटियों ने नाविका सागर परिक्रमा के माध्यम से पूरे विश्व का भ्रमण कर देश को गर्व से भर दिया है।वाराणसी में भारत के पहले जलमार्ग की शुरुआत हुई। इससे वाटरवे के क्षेत्र में नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। देश के सबसे लंबे रेल-रोड पुल बोगीबील ब्रिज का लोकार्पण किया गया। सिक्किम के पहले और देश के 100वें एयरपोर्ट – पाक्योंग की शुरुआत हुई। अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप और  ब्लाइंड क्रिकेट विश्व कप में भारत ने जीत दर्ज कराई। इस बार, एशियन गेम्स में भारत ने बड़ी संख्या में मेडल जीते। पैरा एशियाई खेलों में भी भारत ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। यदि मैं हर भारतीय के पुरुषार्थ की, हमारे सामूहिक प्रयासों की बाते करता रहूं, तो हमारा ‘मन की बात’ इतनी देर चलेगा कि शायद 2019 ही आ जाएगा। यह सब 130 करोड़ देशवासियों के अथक प्रयासों से संभव हो सका है।मुझे उम्मीद है कि 2019 में भी भारत की उन्नति और प्रगति की यह यात्रा यूं ही जारी रहेगी और हमारा देश और मजबूती के साथ नई ऊंचाइयों को छुएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, आज जब हम हेल्थकेयर की बातें कर रहे हैं, तो मैं उत्तर प्रदेश के बिजनौर में डॉक्टरों के सामाजिक प्रयासों के बारे में भी चर्चा करना चाहूंगा। पिछले दिनों हमारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने मुझे बताया कि शहर के कुछ युवा डॉक्टर कैंप लगाकर ग़रीबों का फ्री उपचार करतेहैं। यहां के हार्ट लंग क्रिटिकल सेंटर की ओर से हर महीने ऐसे मेडिकल कैंप लगाए जाते हैं जहां कई तरह की बीमारियों की मुफ्त जांच और इलाज की व्यवस्था होती है। आज, हर महीने सैकड़ों गरीब मरीज इस कैंप से लाभान्वित हो रहे हैं। निस्वार्थ भाव से सेवा में जुटे इन डॉक्टरों का उत्साह सचमुच तारीफ  के काबिल है। आज सामूहिक प्रयासों के चलते ही ‘स्वच्छ भारत मिशन’ एक सफल अभियान बन गया है। कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक साथ तीन लाख से ज्यादा लोग सफाई अभियान में जुटे। स्वच्छता के इस महायज्ञ में नगर निगम, स्वयं सेवी संगठन, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी, जबलपुर की जनता-जनार्दन, सभी लोगों ने बढ़-चढ़ करके भाग लिया।मैंने अभी thebetterindia.com का उल्लेख किया था। मुझे खुशी है कि आजकल ऐसी कई वेबसाइटें हैं, जो ऐसे विलक्षण लोगों के जीवन से प्रेरणा देने वाली कई कहानियों से हमें परिचित करा रही है। जैसे thepositiveindia.com समाज में सकारात्मकता फैलाने और समाज को ज्यादा संवेदनशील बनाने का काम कर रही है। इसी तरह yourstory.com उस पर युवा इनोवेटर्स और उद्यमियों की सफलता की कहानी को बखूबी बताया जाता है। इसी तरह samskritabharati.in के माध्यम से आप घर बैठे सरल तरीके से संस्कृत भाषा सीख सकते हैं। क्या हम एक काम कर सकते हैं - ऐसी वेबसाइटों के बारे में आपस में शेयर करें। सकारात्मकता को मिलकर वायरल करें। मुझे विश्वास है कि इसमें अधिक-से-अधिक लोग समाज में परिवर्तन लाने वाले हमारे नायकों के बारे में जान पाएँगे। नकारात्मकता फैलाना काफी आसान होता है, लेकिन, हमारे समाज में, हमारे आस-पास बहुत कुछ अच्छे काम हो रहे हैं और ये सब 130 करोड़ भारतवासियों के सामूहिक प्रयासों से हो रहा है।

पीएम मोदी ने खेलों में उपलब्धियां अर्जित करने वाले खिलाड़ियों का जिक्र किया। 

पीएम मोदी ने कहा, जनवरी में उमंग और उत्साह से भरे कई त्योहार आने वाले हैं - जैसे लोहड़ी, पोंगल, मकर संक्रांति, उत्तरायण, माघ बिहू, माघी; इन पर्व त्योहारों के अवसर पर पूरे भारत में कहीं पारंपरिक नृत्यों का रंग दिखेगा, तो कहीं फसल तैयार होने की खुशियों में लोहड़ी जलाई जाएगी, कहीं पर आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे उड़ती हुई दिखेंगी, तो कहीं मेले की छठा बिखरेगी, तो कहीं खेलों में होड़ लगेगी, तो कहीं एक-दूसरे को तिल गुड़ खिलाया जाएगा। लोग एक-दूसरे को कहेंगे –'तिल गुड घ्या –आणि गोड़ -गोड़ बोला।' इन सभी त्योहारों के नाम भले ही अलग-अलग हैं लेकिन सब को मनाने की भावना एक है। ये उत्सव कहीं-न-कहीं फसल और खेती-बाड़ी से जुड़े हुए हैं, किसान से जुड़े हुए हैं, गांव से जुड़े हुए हैं, खेत खलिहान से जुड़े हुए हैं। इसी दौरान सूर्य उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसी के बाद से दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं और सर्दियों की फसलों की कटाई भी शुरू हो जाती है। हमारे अन्नदाता किसान भाई-बहनों को भी खूब-खूब शुभकामनाएं।

पीएम ने कहा,  मैं आप सभी को 2019 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और आने वाले त्योहारों का आप भरपूर आनंद उठाएं, इसकी कामना करता हूं। इन उत्सवों पर ली गई तस्वीरों को सबके साथ साझा करें ताकि भारत की विविधता और भारतीय संस्कृति की सुंदरता को हर कोई देख सके।

पीएम मोदी ने कहा, हमारी संस्कृति में ऐसी चीजों की भरमार है, जिनपर हम गर्व कर सकते हैं और पूरी दुनिया को अभिमान के साथ दिखा सकते हैं - और उनमें एक है कुंभ मेला। आपने कुंभ के बारे में बहुत कुछ सुना होगा। फ़िल्मों में भी उसकी भव्यता और विशालता के बारे में काफी कुछ देखा होगा और ये सच भी है। कुंभ का स्वरूप विराट होता है - जितना दिव्य उतना ही भव्य। देश और दुनिया भर के लोग आते हैं और कुंभ से जुड़ जाते हैं। कुंभ मेले में आस्था और श्रद्धा का जन-सागर उमड़ता है। एक साथ एक जगह पर देश-विदेश के लाखों करोड़ों लोग जुड़ते हैं। कुंभ की परम्परा हमारी महान सांस्कृतिक विरासत से पुष्पित और पल्लवित हुई है। इस बार 15 जनवरी से प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला जिसकी शायद आप सब भी बहुत ही उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे होंगे। कुंभ मेले के लिए अभी से संत-महात्माओं के पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ भी हो चुका है। इसके वैश्विक महत्व का अंदाजा इसी से लग जाता है कि पिछले वर्ष यून ने कुंभ मेले को इंटेंजेबल कल्चरल हैरिटेज ऑफ ह्यूमैनिटी की सूची में चिन्हित किया है। कुछ दिन पहले कई देशों के राजदूत ने कुंभ की तैयारियों को देखा। वहाँ पर एक साथ कई देशों के राष्ट्रध्वज फहराए गए। प्रयागराज में आयोजित हो रहे इस कुंभ के मेले में 150 से भी अधिकदेशों के लोगों के आने की संभावना है। कुंभ की दिव्यता से भारत की भव्यता पूरी दुनिया में अपना रंग बिखेरेगी। कुंभ मेला स्वयं को खोजने का भी एक बड़ा माध्यम है, जहां आने वाले हर व्यक्ति को अलग-अलग अनुभूति होती है। सांसारिक चीजों को आध्यात्मिक नजरिए से देखते-समझते हैं। खासकर युवाओं के लिए यह एक बहुत बड़ा सीखने वाला अनुभव हो सकता है। मेरा आप सब से आग्रह है कि जब आप कुंभ जाएं तो कुंभ के अलग-अलग पहलू और तस्वीरें सोशल मीडिया पर अवश्य साझा करें ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को कुंभ में जाने की प्रेरणा मिले।

26 जनवरी के उत्सव का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, इस वर्ष हम पूज्य बापू का 150वां जयंती वर्ष मना रहे हैं। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, इस साल गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में भारत पधार रहे हैं। पूज्य बापू और दक्षिण अफ्रीका का एक अटूट सम्बन्ध रहा है। यह दक्षिण अफ्रीका ही था, जहां से मोहन,‘महात्मा’बन गए। दक्षिण अफ्रीका में ही महात्मा गांधी ने अपना पहला सत्याग्रह आरंभ किया था और रंग-भेद के विरोध में डटकर खड़े हुए थे। उन्होंने फीनिक्स और टॉलस्टॉय फार्म्स की भी स्थापना की थी, जहाँ से पूरे विश्व में शान्ति और न्याय के लिए गूंज उठी थी। 2018 - नेल्सन मंडेला के जन्म शताब्दी वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है। वे ‘मदीबा’ के नाम से भी जाने जाते हैं। हम सब जानते हैं कि नेल्सन मंडेला पूरे विश्व में नस्लभेद के खिलाफ संघर्ष की एक मिसाल थे और मंडेला के प्रेरणास्रोत कौन थे? उन्हें इतने वर्ष जेल में काटने की सहनशक्ति और प्रेरणा पूज्य बापू से ही तो मिली थी। मंडेला ने बापू के लिए कहा था – 'महात्मा हमारे इतिहास के अभिन्न अंग है क्योंकि यहीं पर उन्होंने सत्य के साथ अपना पहला प्रयोग किया था; यहीं पर उन्होंने न्याय के प्रति अपनी दृढ़ता का विलक्षण प्रदर्शन किया था; यहीं पर उन्होंने अपने सत्याग्रह का दर्शन और संघर्ष के तरीके विकसित किये।' वे बापू को रोल मॉडल मानते थे। बापू और मंडेला दोनों, पूरे विश्व के लिए ना केवल प्रेरणा के स्रोत हैं, बल्कि उनके आदर्श हमें प्रेम और करुणा से भरे हुए समाज के निर्माण के लिए भी सदैव प्रोत्साहित करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, कुछ दिन पहले गुजरात के नर्मदा के तट पर केवड़िया में डीजीपी कांफ्रेंस हुई, जहां पर दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ है, वहां देश के शीर्ष पुलिसकर्मियों के साथ सार्थक चर्चा हुई।

13 जनवरी गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने उन्हें याद किया। 

पीएम ने एफएसएसएआई हेल्दी फूड को बढ़ावा देने वाले अभियान का भी जिक्र किया।