ब्रिटेन की समिति का कहना है पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद का इस्तेमाल वह आतंक के लिए करता है। लिहाजा सबसे पहले पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद को कम किया जाए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अगले हफ्ते अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं। लेकिन इस दौरे पर जाने से पहले ही पाकिस्तान को ब्रिटेन ने एक बड़ा झटका दिया है। पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविर और आतंकवाद को रोक पाने में विफल रहने के कारण ब्रिटेन उसे दिए जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती कर सकता है। इसके लिए संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट दी है।
ब्रिटेन में बढ़ती गरीबी और सरकार पर ब्रेक्सिट के मुद्दे पर राजनैतिक तनाव के कारण विदेशों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में कटौती करने के लिए वहां की संसद का भारी दबाब है। इसमें खासतौर से पाकिस्तान को दिए जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती करने की बात कही गयी है।
क्योंकि ब्रिटेन की समिति का कहना है पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद का इस्तेमाल वह आतंक के लिए करता है। लिहाजा सबसे पहले पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद को कम किया जाए।
अगर पिछले पांच सालों का आंकड़ा देखें तो ब्रिटेन द्वारा पाकिस्तान को 2013 से 2018 के बीच दी गयी आर्थिक मदद को कम किया है। लिहाजा अगले साल भी पाकिस्तान को कम आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके संकेत संसदीय जांच ने अपनी रिपोर्ट में दी है।
गौरतलब है ब्रिटिश की संसद की अंतर्राष्ट्रीय विकास समिति पाकिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) के सहायता कार्यक्रम के तहत अभी तक दी गयी आर्थिक मदद की जांच कर रही है। क्योंकि पाकिस्तान ने इस धन को विकास के बजाए अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया है।
ब्रिटेन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद पहले ही कम कर दी है। पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2018-19 के 32.5 करोड़ पाउंड की तुलना में 2019-20 के लिए 30.2 करोड़ पाउंड कर दी गई है। आईडीसी ने तीन सप्ताह पहले ऐलान किया था कि वह इस बात की जांच कर रहा है कि पाकिस्तान ने इस धन को रणनीतिक तौर पर खर्च किया है या नहीं। क्योंकि उसे इसके ले काफी शिकायतें मिल रही थी। एक रिपोर्ट में दावा किया कि पाकिस्तान में डीएफआईडी की एक परियोजना में भ्रष्टाचार हुआ है।
Last Updated Jul 19, 2019, 7:08 PM IST