चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा और जजपा की सरकार बन गई है। लेकिन कांग्रेस पार्टी को एक गलती का अहसास हो रहा है। इसी गलती के गम में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और हरियाणा में विधायक दल के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा है। असल में कांग्रेस को लग रहा है कि अगर राज्य में थोड़े पहले पार्टी में बदलाव किया होता तो आज राज्य में कांग्रेस की सरकार होती।

कांग्रेस के नेता हुड्डा ने शपथ ग्रहण समारोह में अपनी खुन्नस जननायक जनता पार्टी के मुखिया दुष्यंत चौटाला के सामने निकाल दी थी। लेकिन हुड्डा को अब इस बात का गम सता रहा है कि अगर राज्य में पार्टी ने उन पर भरोसा जताया होता तो राज्य में मौजूदा समीकरण अलग होता। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती। यही नहीं अगर विधायकों का आंकड़ा 40 के आसपास होता तो राज्य में आज कांग्रेस की सरकार पूरी तरह से बन जाती।

असल में राज्य में जाट और दलित के समीकरण के तहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हुड्डा को विधायक दल और चुनाव समिति और कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी। जबकि इससे पहले राज्य में कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के करीबी अशोक तंवर के पास थी। सोनिया ने ये बदलाव  राज्य में चुनाव से ठीक पहले किए। वो भी तब जब हुड्डा ने कांग्रेस आलाकमान को बागी तेवर दिखाए। असल में राहुल गांधी के अध्यक्ष रहते हुए हुड्डा को दरकिनार कर दिया गया था। जबकि सोनिया गांधी के करीबी और पुराने नेता हुड्डा को कमान देने के पक्ष में थे।

फिलहाल हुड्डा के ये दर्द शपथ ग्रहण समारोह में दिखा। गौरतलब है कि राज्य की 90 में से 31 सीट कांग्रेस ने जीती है। जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 15 सीटें जीती थी। इस बार कांग्रेस का वोट फीसदी भी बढ़ा है। फिलहाल आने वाले दिनों में ये भी हो सकता है कि कांग्रेस पूरी तरह से राज्य की कमान हुड्डा के हाथ में सौंप दे। फिलहाल कांग्रेस विपक्ष में बैठेगी और हुड्डा विपक्ष के नेता के तौर पर सरकार को घेरेंगे।