सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित आधार मामले पर बड़ा फैसला सुनाते हुए इसकी संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आधार कहां जरूरी है और कहां नहीं।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा बहुचर्चित आधार मामले में फैसले पर किसने क्या कहा, एक नजर -
सुप्रीम कोर्टः
डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रतीक बन गया है आधार
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि हिंदी शब्द ‘आधार’ का उपयोग अब इसके शब्दकोश वाले अर्थ के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि सभी लोग इसे व्यक्ति की पहचान वाले उस पत्र से पहले जोड़ कर देखते हैं जो एक तरह से डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रतीक बन गया है। आधार हर घर में पहचान बन गया है और ‘जंगल की आग’ की तरह यह प्रसारित हुआ है। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘सर्वश्रेष्ठ होने से अच्छा अनूठा होना है क्योंकि सर्वश्रेष्ठ होने से आप पहले नंबर पर आ जाते हैं लेकिन अनूठे होने से आप इकलौते हो जाते हैं।’ प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, ‘आधार पिछले कुछ साल में न केवल भारत में बल्कि अन्य कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सबसे अधिक चर्चा वाला शब्द बन गया है।’
सरकारः
आधार योजना से सालाना 90,000 करोड़ की बचत
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि सरकारी योजनाओं को वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाने से सरकार को सालाना 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। जेटली ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक निर्णय है और न्यायिक समीक्षा के बाद विशिष्ट पहचान संख्या की पूरी धारणा को स्वीकार किया गया है। यह स्वागत योग्य निर्णय है।’ जेटली ने कहा, ‘देश में अब 122 करोड़ लोगों के पास आधार संख्या है और हमारा अनुमान है कि सरकारी योजनाओं के लिए वास्तविक लाभार्थियों की पहचान तथा गलत या फर्जी लोगों को हटाये जाने से हमने सालाना करीब 90,000 करोड़ रुपये की बचत की है।’
कांग्रेसः
आधार पर न्यायालय ने कांग्रेस के नजरिये का समर्थन किया
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी के लिए आधार सशक्तिकरण का माध्यम था और आज उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कांग्रेस के इसी नजरिये का समर्थन किया है। गांधी ने ट्वीट कर कहा, ' कांग्रेस के लिए आधार सशक्तिकरण का माध्यम था। भाजपा के लिए यह यह दमन और निगरानी का साधन है।' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के नजरिये का समर्थन करने और उसकी सुरक्षा करने के लिए उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद।' प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं के लाभ को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है।
यूएडीएआईः
आधार पर उच्चतम न्यायालय का फैसला हमारी जीत
भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार को संवैधानिक रूप से वैध बताने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को अपनी जीत बताया है। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अजय भूषण पांडे ने कहा 4-1 से शीर्ष अदालत का फैसला आधार के पक्ष में है। पांडे ने कहा, ‘यह फैसला 4-1 से आधार के पक्ष में है। न्यायालय ने आधार को संवैधानिक दृष्टि से वैध ठहराया है। यह गरीबों और हाशिये पर रह रहे वर्ग को सशक्त करता है। आधार का इस्तेमाल सब्सिडी और सरकारी योजनाओं में होगा जिससे सरकारी कोष का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा। इसका इस्तेमाल आयकर के लिए होगा और कर चोरी तथा कालेधन पर अंकुश लगेगा।’
आईटी उद्योगः
आधार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संतुलित
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के दिग्गजों ने कहा कि आधार पर उच्चतम न्यायालय का फैसला संतुलित है क्योंकि इसमें डेटा गोपनीयता के मुद्दों को दूर करने के साथ ही योजना की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी गई है। इंफोसिस लिमिटेड के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) टीवी मोहनदास पाई ने कहा कि यह फैसला केंद्र की प्रमुख योजनाओं की स्वीकार्यता पर बड़ी बाधा को दूर करता है। उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर एक बहुत अच्छा संतुलित निर्णय जो आधार को अद्वितीय इकाई के रूप में पहचान दिलाता है, सरकार को खास मामलों में आधार को अनिवार्य बनाने के लिए सशक्त करता है साथ ही किसी व्यक्ति का उसके डेटा पर अधिकार की प्रधानता को मान्यता देता है।’ इंफोसिस के एक अन्य पूर्व सीएफओ वी बालाकृष्नन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संतुलित विचार रखे हैं।
Last Updated Sep 26, 2018, 6:29 PM IST