कुछ ग्राहकों ने सोशल नेटवर्किंग साइटों के जरिये भी बैंकों और दूसरी कंपनियों को उनके डाटा को हटाने की मांग की है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कंपनियां उनके आधार डाटा को नहीं हटाती हैं तो इसे 'चुराई गई जानकारी' माना जाएगा।
कुछ ग्राहकों ने सोशल नेटवर्किंग साइटों के जरिये भी बैंकों और दूसरी कंपनियों को उनके डाटा को हटाने की मांग की है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कंपनियां उनके आधार डाटा को नहीं हटाती हैं तो इसे 'चुराई गई जानकारी' माना जाएगा।
आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और इस एक्ट की धारा 57 को रद्द करने के बाद से ही डिजिटल वॉलेट कंपनियों, बैंकों, फोन ऑपरेटरों के पास आधार नंबर के इस्तेमाल को लेकर दी गई सहमति को वापस लेने के अनुरोधों की बाढ़ आ गई है। ग्राहक इन कंपनियों से उनके सिस्टम से आधार डाटा हटाने को कह रहे हैं।
कुछ ग्राहकों ने सोशल नेटवर्किंग साइटों के जरिये भी बैंकों और दूसरी कंपनियों को उनके डाटा को हटाने की मांग की है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कंपनियां उनके आधार डाटा को नहीं हटाती हैं तो इसे 'चुराई गई जानकारी' माना जाएगा।
Hey @Paytm I withdrew my concent on linking #Aadhaar with my Bank Account after #SupremeCourt #AadhaarVerdict so de link it and remove my Aadhar Data from your system.@Paytmcare
— Abhishek Dhakre🏳️🌈🇮🇳 (@DhakreAbhishek) September 26, 2018
I want to delete my #Aadhaar data and unlink my aadhar from @Paytm @Paytmcare. What is the process?#AadhaarVerdict
— Abhijeet Manjul (@abhijeetmanjul) September 26, 2018
Dear Mobile Phone Operators and Banks'
— Dinesh Asthana (@kasthana55) September 26, 2018
U harassed us and forced us to link Aadhaar to yr system.
After S'Court judgement, plz delete the data collected and intimate me through SMS on the phone no. registered with u. Otherwise u will be considered in possession of stolen property
कई डिजिटल वॉलेट कंपनियों ने कई ऐसे ग्राहकों को उनके पैसों का इस्तेमाल करने से रोक दिया था जिन्होंने अपने आधार का ब्यौरा नहीं दिया है। अब, ये ग्राहक इन कंपनियों से कह रहे हैं कि उन्हें अपने पैसे का इस्तेमाल करने दिया जाए। इनका कहना है कि अब वे किसी ग्राहक को आधार कार्ड देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार कानून के सेक्शन 57 को रद्द कर दिया है। सेक्शन 57 के तहत किसी शख्स की पहचान को सत्यापित करने के लिए निजी कंपनियों को आधार की जानकारी को इस्तेमाल करने की इजाजत थी।
निजी कंपनियों के अलावा, स्कूल भी अभिभावकों को अपना आधार कार्ड देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। एनईईटी, सीबीएसई द्वारा कराई जाने वाली परीक्षाओं के लिए भी अब आधार अनिवार्य नहीं है।
Last Updated Sep 26, 2018, 7:59 PM IST