दिल्ली में सत्तारूढ़ अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) फेक न्यूज रैकेट चलाने के आरोप में फंस गई है। उसके नेताओं पर भाजपा के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाने में शामिल होने के गंभीर आरोप लगे हैं। यही नहीं पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने 'गलती' होने की बात मानकर एक तरह से इन आरोपों को स्वीकार भी कर लिया है। 

हरियाणा में चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल  (इनेलो) पर भी इसी तरह के आरोप हैं। दरअसल, इनेलो के एक छात्र नेता ने हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर के बयान वाली एक फर्जी खबर ट्वीट की। इसमें बताया गया कि 'खट्टर ने सिर्फ पंजाबियों का मुख्यमंत्री होने की बात कही है।' खास बात यह है कि आप के पदाधिकारियों ने फर्जी खबर के हवाले से किए गए ट्वीट को कई बार ट्वीट और री-ट्वीट भी किया। 

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इस संबंध में इनेलो की छात्र इकाई इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) के उपाध्यक्ष संजीव जाखड़ के खिलाफ गुरुग्राम में एक एफआईआर दर्ज की गई और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 

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'माय नेशन' के पास उपलब्ध एफआईआर की प्रति को देखने से साफ पता चलता है कि कैसे झूठी खबरें फैलाने वाली मशीनरी सक्रिय है। हैरानी की बात यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के लोगों द्वारा फैलाई गई फर्जी खबर के आधार पर हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर को सार्वजनिक तौर पर निशाना बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा वर्ग विशेष की राजनीति कर रही है। अगर आम आदमी पार्टी को हरियाणा में सरकार बनाने का मौका मिला तो वह जाति आधारित राजनीति को खत्म कर देगी। 

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जब 'माय नेशन' ने फर्जी खबर वाले ट्वीट को री-ट्वीट करने के आरोपी आप के प्रवक्ता और आरटीआई सेल के हेड सुधीर यादव से संपर्क साधा तो उन्होंने माना कि यह 'एक गलती थी।' पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों ने इस खबर की सत्यता की पुष्टि किए बगैर ही इसे आगे बढ़ा दिया।

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यादव ने 'माय नेशन' से कहा, 'फर्जी न्यूज को इनेलो के नेता रविंदर सिंह धुल ने साझा किया था। इसलिए हमने मान लिया कि यह ठीक ही होगी। बाद में हमारे सिरसा के कार्यकर्ताओं ने इस खबर को आधिकारिक हैंडल से ट्विटर पर साझा कर दिया। हालांकि चार घंटे बाद ही हमने उन्हें इस खबर को हटाने के लिए कह दिया था। लेकिन कुछ करने से पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।'

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हालांकि यादव ने उल्टे भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह आप को फंसाने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा, 'हमने गलत मंशा से इसे साझा नहीं किया था। लेकिन भाजपा ने जानबूझकर खबर के वायरल होने का इंतजार किया ताकि इसे मुद्दा बनाया जा सके।'

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इस बीच, भाजपा ने उसके नेताओं को बदनाम करने के लिए आप पर फर्जी खबरों का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है। भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में विपक्ष द्वारा ऐसी फेक न्यूज फैलाने का प्रयास किया गया जिनमें फर्जी अखबार की क्लिपिंग में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जातिगत टिप्पणी करते दिखा गया। यह समाज को बांटने की दोयम दर्जे की कोशिश है।'

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इससे पहले कांग्रेस और बिहार में महागठबंधन की उसकी साथी राजद पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का फर्जी बयान फैलाने का आरोप लग चुके का है। एक फर्जी न्यूजपेपर क्लिपिंग में दिखाया गया कि शाह ने 'बनिया' अथवा व्यापारी समुदाय एवं जाति पर आपत्तिजनक बयान दिया। इस फर्जी खबर का शीर्षक था, 'चोरी और मुनाफाखोरी देश के बनियों की आदतः अमित शाह'। इस फर्जी खबर में दावा किया गया था कि राजस्थान के बूंदी में एक चुनाव अभियान के दौरान शाह ने ऐसी बात कही। इस फर्जी खबर वाली तस्वीर को कांग्रेस के मध्य प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था। बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। यहां तक कि इस पोस्ट को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव ने भी ट्विटर पर पोस्ट किया था।