आम आदमी पार्टी नई तरह की राजनीति करने के वादा किया तो जनता ने उसे ऐतिहासिक जनादेश के साथ दिल्ली की सत्ता पर बैठा दिया। लेकिन ‘आप’ ने बदलाव की सियासत का चोला उतारने में देर नहीं की। पिछले कुछ समय में पार्टी के नेताओं ने तमाम ऐसे बयान दिए हैं, जो अभी तक चली आ रही राजनीति के जैसे ही हैं। 

आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली से आतिशी मार्लेना को चुनाव मैदान में उतारा है। पिछले कुछ समय से वह चर्चा में हैं। हालांकि अब उनके एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। उन पर लोगों को गुंडों को जिताने की पैरवी करने का आरोप लगा है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी हुआ है, जिसमें वह कह रही हैं कि भाजपा को उत्तर प्रदेश में हराने के लिए अगर सपा-बसपा के ‘गुंडे प्रत्याशी’ को भी वोट देना पड़े तो आंखें मूंदकर दे देना चाहिए।

आम आदमी पार्टी की साफ राजनीतिक की धारणा के ठीक उलट आतिशी का यह वीडियो वायरल हो गया है। इसमें उत्तर प्रदेश की सियासत का हवाला देते हुए कह रही हैं कि कोई एक पार्टी भाजपा को हरा नहीं सकती। उत्तर प्रदेश में सिर्फ सपा-बसपा का गठबंधन है, जो भाजपा को टक्कर दे सकती है। ऐसे में अगर गठबंधन का प्रत्याशी अपराधी भी है तो हमें उसे वोट देना चाहिए।

यह एक मिनट की वीडियो क्लिप है। इसमें आतिशी कहती हैं, ‘यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसे प्रत्याशी अथवा पार्टी को वोट दें जो भाजपा को हरा सके। लेकिन हम ये भी जानते हैं कि पूरे देश में ऐसी कोई अकेली पार्टी नहीं है, जो भाजपा को हरा सके। कई क्षेत्रीय पार्टियां हैं, जो अलग-अलग राज्यों में भाजपा से लड़ रही हैं। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन को ही ले लीजिए। वही भाजपा को हरा सकता है। इसलिए अगर आप यूपी के वोटर हैं, तो आपको गठबंधन को ही वोट करना चाहिए। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि प्रत्याशी कौन है। मेरे एक जानने वाले हैं, उन्होंने फोन कर कहा कि हमारा प्रत्याशी तो गुंडा है। लेकिन फिर भी हमें भाजपा को हराने के लिए उसे वोट देना चाहिए।’

इस वीडियो के सामने आने के बाद सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर लोग आम आदमी पार्टी से कई तरह के सवाल पूछ रहे हैं। 

आतिशी को आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। यहां उनका मुकाबला भाजपा के गौतम गंभीर और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली से है। इससे पहले, वह अपने नाम के आगे से सरनेम ‘मार्लेना’ हटाकर विवादों में घिर चुकी हैं। आरोप है कि पार्टी ने उनका सरनेम इसलिए हटवाया कि यह सुनने में ईसाई होने का आभास कराता है।