भारतीय वायु सेना (IAF) के पायलट अभिनंदन वर्थमान भारत लौट आए हैं। लेकिन उन्हें डिब्रीफिंग की लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। जिसमें उनकी आंतरिक और बाहरी जांच की जाएगी। 

रक्षा विभाग की प्रक्रिया के मुताबिक, दुश्मन की कठिन और तनावपूर्ण कैद से लौटकर आने वाले हर कैदी को को डिब्रीफिंग की प्रक्रिया से गुजरना होता है। डॉक्टर और मनोचिकित्सक विंग कमांडर अभिनंदन वर्मा की डीब्रीफिंग प्रक्रिया में शामिल रहेंगे। 
भारतीय वायुसेना यह भी जांच करेगी कि उन्हें पाकिस्तानी सेना ने किसी तरह की क्षति तो नहीं पहुंचाई है। वायुसेना अधिकारी अभिनंदन से इंटेलिजेन्स ब्यूरो(आईबी) तथा रिसर्च और एनालिसिस विंग(रॉ) के अधिकारी भी सवाल करेंगे। 
डीब्रीफिंग की प्रक्रिया कई चरणों में की जाएगी, जिसमें अलग अलग अधिकारी पाकिस्तानी कब्जे से लौटे पायलट की छानबीन करेंगे। 

अभिनंदन वर्थमान पाकिस्तानी वायुसेना के एफ16 विमान को मार गिराने के दौरान पैराशूट से भटककर पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में बुधवार की सुबह गिर गए थे।  पाकिस्तान पर जबरदस्त अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ने के बाद उसे अभिनंदन को रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा। 

सूत्रों ने जानकारी दी है कि अभिनंदन के लौटने के सैन्य बलों के उच्चस्तरीय अधिकारी उनकी डीब्रीफ्रिंग प्रक्रिया की शुरुआत मेडिकल जांच से करेंगे, जिसके तहत कई तरह के टेस्ट कराए जाएंगे। उनके आगे की पेशेवर सेवाएं अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएंगी। 

डीब्रीफिंग की प्रक्रिया का उद्देश्य अधिकारी की वास्तविक स्थिति के बारे में पता लगाना है। इसका उद्देश्य अधिकारी को भविष्य में होने वाली किसी तनाव या मुश्किल का पता लगाकर उसे दूर करना भी है। इसके जरिए भारतीय वायुसेना इस बात का विश्लेषण करेगी कि अभिनंदन को आगे किसी पेशेवर हस्तक्षेप की जरुरत है या नहीं।  

विशेषज्ञ बताते हैं कि डीब्रीफिंग के दौरान उनसे पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराने की घटना और उसके दौरान उनके द्वारा लिए गए फैसले के बारे में प्रश्न किए जाएंगे। 

भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने यह बताया है कि अभिनंदन को पाकिस्तानी कब्जे में रहने के दौरान बारीक से बारीक हर घटना के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देनी होगी। इसमें कई घंटे लग सकते हैं। उनसे यह भी पूछा जाएगा कि उनसे पाकिस्तानी कैद के दौरान किसी तरह की बर्बरता तो नहीं की गई।  
अगर भारतीय वायुसेना को उनके साथ पाकिस्तान द्वारा की गई किसी तरह की क्रूरता का पता चलता है तो सैन्य आचार संहिता के मुताबिक इस मामले को अंतरराष्ट्रीय फोरम पर उठाया जाएगा। 

 सभी देशों के सैन्य बल अपनाते हैं डीब्रीफिंग प्रक्रिया

डीब्रीफिंग एक पुरानी प्रक्रिया है जिसे दुनिया भर के सैन्य बल अपनाते हैं। उदाहरण के दौर पर इजरायल के सैन्य बलों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया में दुश्मन की कैद से लौटे सैनिक को मनोवैज्ञानिक दिशानिर्देश दिए जाते हैं औऱ मेडिकल टीम उनकी लंबी जांच करती है, जो कि बेहद तनावपूर्ण होता है।  
ठीक इसी तह अमेरिका में पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर(पीटीएसडी) प्रक्रिया अपनाई जाती है जिसे अमेरिका के मनोविज्ञान संगठनों ने तैयार किया है।