चंडीगढ़। पंजाब में उद्योग जगत पर दोहरी मार पड़ने वाली है। उद्योग जगत  चिंतित है क्योंकि राज्य में आने वाले दिनों में मजदूरों की कमी हो सकती है। राज्य में अब तक तीन लाख प्रवासी मजदूरों ने अपने घरों में वापस जाने के लिए आवेदन किए हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए एक कंट्रोल रूम तैयार किया था, जिसमें अभी तक तीन लाख मजदूरों ने आवेदन किया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों मजदूरों की संख्या बढ़ सकती है।

देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच पंजाब में उद्योग और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले तीन लाख मजदूरों ने अपने मूल निवास जाने के लिए आवदेन किया है। राज्य में दस लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर काम करते हैं और इनके पलायन करने के बाद राज्य में संकट खड़ा हो सकता है। राज्य सरकार द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में स्थापित नियंत्रण कक्ष में पंजाब से 2,83,223 प्रवासियों से अपने मूल स्थान में जाने के लिए अनुरोध किया है।  राज्य सरकार के मुताबिक एक आवेदन में 25 व्यक्तियों का एक समूह बाहर जाने के लिए आवेदन कर सकता है।  

शनिवार शाम 4.30 बजे तक कुल आवेदनों की संख्या 1,04,303 तक पहुंच गई थी, जिसके माध्यम से 2,83,223 प्रवासियों ने आवेदन किया था। जानकारी के मुताबिक  अभी तक सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के प्रवासियों ने आवेदन किया है। अभी तक उत्तर प्रदेश 1.44 लाख और बिहार के 95,000 प्रवासियों ने आवेदन किया है। वहीं लुधियाना से 1.6 लाख, जालंधर से 33,000 प्रवासियों ने आवेदन किया है। वहीं पंजाब से इतनी बड़ी संख्या में प्रवासियों के पलायन को लेकर पंजाब सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

क्योंकि राज्य में उद्योग और छोटी ईकाईयों को चलाने के लिए मजदूरों की कमी हो सकती है। हालांकि पंजाब सरकार ने प्रवासियों से अपने मूल्य स्थान न लौटने की गुजारिश की है। यूनाइटेड साइकिल पार्ट्स एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डी एस चावला ने कहा कि लुधियाना देश का साइकिल हब है। लेकिन जब हमें इकाइयों को खोलने के लिए कहा गया है और लगभग 80 प्रतिशत उद्योग खुल सकते हैं, तो प्रवासियों का यह पलायन शुरू हो गया है।