लखनऊ। पॉक्सो एक्ट में एक अभियुक्त को कोर्ट ने महज नौ दिन में सजा का फैसला सुनाया। कोर्ट ने अभियुक्त को उम्रकैद की सजा के साथ ही दो लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में पॉक्सो एक्ट के अभियोग में अदालत ने मात्र नौ दिन सजा सुनाकर  ऐतिहासिक निर्णय दिया है। ये प्रदेश के साथ ही देश का पहला निर्णय है जिसमें अभियुक्त को पॉस्को एक्ट में महज नौ दिन में सजा सुनाई गई हो।

राज्य पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि कोर्ट का ये फैसला प्रदेश के साथ देश में पहली बार इतनी त्वरित गति से आया है। इसमें पुलिस की भूमिका काफी अहम हो जाती है। क्योंकि रिपोर्ट लिखने से लेकर चार्जशीट फाइल करने में तेजी दिखाई गई। जिसके बाद अभियुक्त को कोर्ट ने सजा सुनाई।

उनके मुताबिक इस तरह का यह पहला निर्णय है जिसमें पीड़िता को इतनी शीघता से न्याय मिला है। उन्होंने बताया कि एक अगस्त 2019 को अभियोग पंजीकृत कर अगले दिन आरोपी की गिरफ्तारी की गयी। उसके बाद साक्ष्य एकत्रित कर 18 अगस्त को कोर्ट में पुलिस ने अभियोग में आरोप-पत्र दाखिल करा दिया गया।

वहीं 20 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रोजाना सुनवाई का कहना फैसला किया और लगातार आठ दिन की सुनवाई के बाद 29 अगस्त को अभियुक्त को आजीवन कारावास एवं दो लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। 

कोर्ट के इस फैसले के बाद पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने इस निर्णय पर कहा कि पॉक्सो एक्ट के अभियोग में निरन्तर समीक्षा एवं अभियोजन के सतत प्रयास से न्यायालय से एक ऐतिहासिक निर्णय आया है। इसमें पुलिस की अहम भूमिका रही है क्योंकि वैज्ञानिक आधार पर साक्ष्यों का संकलन एवं विवेचना को जल्द से जल्द पूरा किया।

जिसके बाद अभियुक्त को सजा मिल सकी है। गौलतलब है कि प्रदेश में 2018 में पॉक्सो एक्ट के 490 अभियोगों में न्यायालय द्वारा दो मामलों में मृत्यु दण्ड की सजा, 67 अभियोगों में आजीवन कारावास की सजा तथा शेष अभियोगों में अन्य सजा सुनायी गयी है। इसी प्रकार वर्ष 2019 में अब तक 44 अभियुक्तों को आजीवन कारावास सहित 330 अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा सजा सुनायी गयी है।