कुछ दिन पहले ‘सेव डेमोक्रेसी’ और ‘आर्टिस्ट यूनाइट इंडिया’ के बैनर तले 100 फिल्मकारों के नाम से एक साझा अपील की थी। इसमें भाजपा को वोट न देने को कहा गया था।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट ना देने की अपील करते हुए 100 से ज्यादा फिल्मकारों के साझा बयान की कलई खुल गई है। जिन सौ लोगों के साइन के साथ यह अपील जारी की गई थी, उनमें से एक आरती व्यास पटेल ने इसे फर्जी बताया है। इन लोगों की सूची में गुजराती फिल्मकार, अभिनेत्री, लेखिका और आरजे आरती पटेल का नाम दूसरे नंबर पर लिखा हुआ था।
उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, ‘यह फर्जी है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने ये नाम कहां से लिए। संभवतः इन्हें किसी फिल्म डायरेक्टरी से लिया गया होगा। मैंने कभी न तो ऐसा बयान दिया है और न ही इस तरह की अपील पर साइन किए हैं।’
It's fake.. I don't know from where they have got the names, may be from a film directory. I haven't given any statement nor signed any appeal.https://t.co/Acz6vM5vXH https://t.co/T5UpU1NXkQ
— Aarti (@aartivyaspatel) March 31, 2019
खास बात यह है कि कांग्रेस ने भी मामले में तुरंत कूदते हुए इसे कैश कराना चाहा। इस अपील के बाद पार्टी ने ट्वीट किया, ‘देश में भाजपा सरकार के ताकत के दुरुपयोग, नफरत की राजनीति और ध्रुवीकरण के खिलाफ लोग खड़े हो रहे हैं। 100 से ज्यादा फिल्मकारों ने एकसाथ आकर अपील की है कि वे भाजपा को संविधान, संस्थान और भारत की विविधता को खत्म करने से रोकें।’
Communities across India are standing up against the BJP govt's misuse of power, hate politics & polarisation. Over 100 filmmakers have come together to appeal to every Indian to stop BJP from eroding our Constitution, our institutions & our diversity. https://t.co/3ypJxVZa9p
— Congress (@INCIndia) March 30, 2019
दरअसल, कुछ दिन पहले ‘सेव डेमोक्रेसी’ और ‘आर्टिस्ट यूनाइट इंडिया’ के बैनर तले वेत्री मारन, आनंद पटवर्धन, सनल कुमार शशिधरन, सुदेवन, दीपा धनराज, गुरविंदर सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, कबीर सिंह चौधरी सरीखे फिल्मकारों ने एक साझा अपील की थी। इसमें कहा गया था कि ‘हम जिस भारत के बारे में जानते हैं वह धर्म के नाम पर नहीं बंटा है। इसके बावजूद भाजपा और इसके सहयोगी दल अपना चुनावी वादा पुराने करने में विफल रहे हैं। अब ये लोग गाय के नाम पर मॉब लिंचिंग करके देश को सांप्रदायिकता की तरफ बढ़ा रहे हैं। भाजपा के इस खेल का शिकार देश के दलित और मुसलमान हो रहे हैं।’
अपील में कहा गया कि अगर हमने इस आम चुनाव में समझदारी से सरकार नहीं चुना तो देश के भीतर फासीवादी ताकतें और भी मजबूत होंगी। अपने बयान में कलाकारों ने गौरी लंकेश जैसे बुद्धिजीवियों की हत्या को लेकर भी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने लिखा, ‘हमें नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा के कार्यकाल में हमारे कई बड़े लेखकों और पत्रकार को जान से मार दिया गया है क्योंकि उन्होंने असमति जताई थी।’
कलाकारों ने लिखा है, ‘आंकड़ों की हेराफ़ेरी और तोड़-मरोड़ भी भाजपा के सरकार ने खूब किया है। इन्हें एक बार और सत्ता में लाना हमारी बड़ी भूल साबित हो सकती है। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के ताबूत में आख़िरी कील साबित हो सकती है।’
Last Updated Mar 31, 2019, 3:59 PM IST