राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पालयट के बीच लड़ाई जगजाहिर है। राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही गहलोत का पार्टी में कद बढ़ाना शुरू हो गया। हालांकि राज्य में प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद पिछले एक साल के दौरान सचिन पायलट सार्वजनिक मंचों पर नहीं दिखे।
नई दिल्ली। राजस्थान के कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत पर राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आमने सामने हैं। राज्य से उपमुख्यमंत्री सचिव पायलट ने बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कठघरे में खड़ा किया है। सचिन पायलट ने कोटा अस्पताल का दौरा कर गहलोत को घेरकर उनकी मुश्किलों को बढ़ा दिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान के कहने पर ही सचिन कोटा पहुंचे थे। लिहाजा माना जा रहा है कि पिछले काफी अरसे आलाकमान से दूरी बनाकर चल रहे सचिन की नाराजगी को भी दूर करने के लिए कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पालयट के बीच लड़ाई जगजाहिर है। राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही गहलोत का पार्टी में कद बढ़ाना शुरू हो गया। हालांकि राज्य में प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद पिछले एक साल के दौरान सचिन पायलट सार्वजनिक मंचों पर नहीं दिखे। पिछले दिनों मीडिया को कथित तौर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दी गई धमकी के बाद पायलट ने उन्हें घेरकर मुश्किलें बढ़ाई।
पायलट ने साफ कहा कि मीडिया में किसी भी तरह का अंकुश नहीं लगाना चाहिए। हालांकि सचिन पायलट पार्टी आलाकमान से भी नाराज चल रहे थे। लिहाजा राजस्थान में सरकार के एक साल होने पर आयोजित किसी भी कार्यक्रम में वह नहीं दिखाई दिए। लिहाजा अब सचिन की नाराजगी को दूर करने के लिए सोनिया गांधी के आदेश के बाद कोटा के अस्पताल में भेजा गया। क्योंकि राज्य के साथ ही देशभर में पार्टी की किरकिरी हो रही है।
क्योंकि पिछले एक साल के दौरान जेके लोन अस्पताल में 1000 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है। गौरतलब है कि अस्पताल में बच्चों की मौत पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो दिन पहले अशोक गहलोत का फटकार लगाई थी। सोनिया गांधी ने राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडेय को तलब कर राज्य के हालात का जाएजा लिया था।
Last Updated Jan 5, 2020, 9:06 AM IST