नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटने के बाद राहुल गांधी लगातार कांग्रेस की बैठकों से नदारद हैं। हालांकि पार्टी की कमान राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी के हाथ में है लेकिन राहुल गांधी की बैठकों से दूरी सबसे ज्यादा चर्चा बन रही हैं। असल में शनिवार को सोनिया गांधी की अगुवाई में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों पर फैसले के लिए बनाई गई चुनाव समिति की बैठक में राहुल गांधी अनुपस्थित थे। 

असल में ये पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी की बड़ी बैठकों से दूर हों। 12 सितंबर को जब सोनिया ने कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई थी तो उस वक्त भी राहुल गांधी बैठक में मौजूद नहीं थे। जिसके बाद उनकी बैठकों से दूरी राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई थी।

शनिवार को हुई बैठक में राहुल गांधी का नदारद होने पर कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी चुनाव समिति के सदस्य नहीं हैं। लिहाजा वह बैठक में शामिल नहीं हुए। लेकिन 12 सितंबर की बैठक और ज्यादा अहम थी। ये सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद पहली अहम बैठक थी।

जिसमें प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और महासचिवों को बुलाया गया। इस बैठक में राज्यों में हो रही गुटबाजी को भी खत्म करने का आदेश दिया गया था। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद राहुल गांधी सक्रिय हो रहे हैं। हार के बावजूद राहुल गांधी अमेठी में जनता से मिले और इसके बाद वह केरल के वायनाड में गए।

वहां वह बाढ़ प्रभावित लोगों से भी मिले। फिलहाल सोनिया गांधी ने तीन राज्यों में होने वाले चुनाव के प्रचार का दायित्व राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दिया है। जबकि सोनिया गांधी इन चुनावों में प्रचार में ज्यादा सक्रिय नहीं होंगी। कांग्रेस महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पदयात्रा की शुरूआत करेगी और इसमें राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे।