जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के बागी रहे सचिन पायलट के बीच विवाद जारी है। राज्य में अशोक गहलोत लगातार सचिन पायलट को झटके दे रहे हैं। वहीं सचिन पायलट राज्य सरकार के खिलाफ शिकायती पत्रों को लिखकर राज्य के मामलों को मीडिया और सोशल मीडिया में ला रहे हैं। हालांकि राज्य में फिर से बगावत न हो इसके लिए सीएम गहलोत कुछ मामलों में पायलट को तवज्जो भी दे रहे हैं। फिलहाल पायलट की नौकरी में आरक्षण वाली चिट्ठी पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने तुरंत ही सभी संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं।

असल में राज्य में 5 फीसदी आरक्षण देने को लेकर सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा था और अपने शिकायती पत्र में पायलट ने कहा था कि राज्य सरकार के अधीन विभाग आरक्षण को लागू नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण जनता में नाराजगी और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में इसका जिक्र किया था। सचिन पायलट की आरक्षण वाली चिट्ठी मिलने के बाद सीएम गहलोत ने तुरंत ही सभी संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश जारी कर दिया है।  गहलोत ने राज्य के विभागों से कहा कि विशेष पिछड़ा वर्ग ( इसमें गुर्जर शामिल  किया गया है) को 5 फीसदी आरक्षण दिया जाए और इसके लिए नियमों को पालन कड़ाई से किया जाए और जो बैकलॉग है, उसमें भी विशेष पिछड़ा वर्ग आरक्षण दिया जाए। सचिन पायलट गुर्जर वर्ग से आते हैं।

सचिन पायलट ने सीएम गहलोत को चिट्ठी लिखकर कहा कि विधानसभा चुनाव 2018 के घोषणा पत्र में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण देने का वायदा किया गया था। लेकिन राज्य सरकार के विभाग इसे लागू नहीं कर रहे हैं। वहीं पायलट ने अपने चिट्ठी में देव नारायण बोर्ड और देव नारायण योजना के अंतर्गत आने वाले विकास कार्यों को रूक जाने को लेकर नाराजगी जताई है।  पायलट का कहना है कि लोग मुझसे मिलते हैं और इन दोनों योजनाओं को बजट को लेकर शिकायत करते हैं। विदित है कि राज्य में अति पिछड़ा वर्ग में गुर्जर, रेबारी, देवासी, गडरिया, बंजारा समेत कई जातियां शामिल हैं।