लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश का नया चीफ सेक्रेटरी पर अभी तक फैसला नहीं कर पाए। लिहाजा कई सालों के बाद कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी का दायित्व कृषि उत्पादन आयुक्त को दिया गया है। जबकि अभी तक ज्यादातर चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति पहले हो जाती थी। हालांकि पहले ये माना जा रहा था कि अनूप चंद्र पांडे के रिटायर होने से पहले ही योगी चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति पर मोहर लगा देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। जबकि योगी आदित्यनाथ जल्दी और तेज फैसले लेने वाले मुख्यमंत्री माने जाते हैं।

असल में माना जा रहा है कि चीफ सेक्रेटरी के लिए दो गुट अपने अपने अफसरों का समर्थन कर रहे हैं। जिसके कारण फैसला नहीं हो सका। हालांकि योगी सरकार केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति में कार्य कर रहे संजय अग्रवाल और दुर्गाशंकर मिश्रा में से किसी एक नाम पर मोहर आने वाले दिनों में लगा सकती है। लेकिन इस दौड़ में बाजी कौन मारेगा। ये लॉबिंग तय करेगी। डॉ. अनूप चन्द्र पांडेय 31 अगस्त को रिटायर हो गए हैं।

लिहाजा चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति न होने के कारण 1985 बैच के आरके तिवारी को कार्यवाहक मुख्य सचिव के पद पर तैनाती दे दी गई है। हालांकि राज्य सरकार ने अपने आदेश में साफ किया है कि ये नियमित मुख्य सचिव की तैनाती नहीं है। लिहाजा ये माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से 1984 बैच के अफसरों के लिए भी मुख्य सचिव की कुर्सी का रास्ता खुला हुआ है।

दुर्गाशंकर मिश्रा और संजय अग्रवाल दोनों ही 1984 बैच के अफसर हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार संजय अग्रवाल या दुर्गाशंकर मिश्रा में किसी एक अफसर को चीफ सेक्रेटरी बनाने के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुला सकती  है। अभी दुर्गाशंकर मिश्रा आवास सचिव के पद हैं तो संजय अग्रवाल कृषि मंत्रालय में सचिव के पद पर हैं। संजय अग्रवाल योगी सरकार में अपर सचिव शिक्षा के पद पर कार्य कर चुके हैं तो दुर्गा शंकर मिश्रा इस मामले में अग्रवाल से पीछे हैं। लेकिन उन्हें मोदी सरकार में कार्य करने का अनुभव है।
लेकिन चर्चा ये है कि अगर दोनों अफसरों को लेकर कोई फैसला नहीं होता है तो इस राज्य सरकार मौजूदा कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी को ही इस पद पर नियुक्त कर सकती है।