जयपुर।  राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,000 के करीब पहुंच गई है। जोधपुर में ही कोरोना के 23 मामले सामने आए हैं।  जिसके बाद राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं। हालांकि देश में में भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हो रही है। लेकिन राज्य में ये मॉडल ज्यादा सफल नहीं हुआ है।  जिसको लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

राजस्थान में कोरोनावायरस के मामलों में से 23 जोधपुर से सामने आए है। जबकि नागौर में 18, जयपुर में 15, कोटा में आठ, अजमेर और भरतपुर में 3-3, सीकर और हनुमानगढ़ में 2-2 और झुंझुनू और बाड़मेर में 1-1 मामला सामने आया है। जिसके बाद राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1964 पहुंच गई है। हालांकि राज्य में 76 लोग ठीक भी हो गए हैं और उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं राज्य में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 28 तक पहुंच गई है।

राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब तक कुल 69,764 नमूने एकत्र किए गए हैं। जिसमें से 1,964 मामले पॉजिटिव आए हैं वहीं 4,315 नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है। राज्य में अब तक जयपुर में 740 मामले सामने आए हैं वहीं जोधपुर में 371, कोटा में 122, अजमेर में 106, भरतपुर में 106, टोंक में 115, बांसवाड़ा में 61, नागौर में 93, बीकानेर में 37, झुंझुनूं में 41, जैसलमेर में 34, भीलवाड़ा में 33, झालावाड़ में 20, दौसा में 21, चूरू में 14, अलवर में 7, सवाई माधोपुर में 8, डूंगरपुर में 5, उदयपुर में 4, हनुमानगढ़ में 10, करौली में 3, सीकर में 4, पाली, बाड़मेर और प्रतापगढ़ में 2-2 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं।

भीलवाड़ा मॉडल क्यों लागू नहीं कर रही है सरकार

राज्य में भीलवाड़ा जिले में जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने में सफल रहा और इसकी चर्चा पूरे देश में हुई। लेकिन राज्य सरकार इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने में विफल रहा है। राज्य में भीलवाड़ा में अब तक 33 मामले आए हैं। जिला प्रशासन ने सख्ती कर लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने से रोक दिया। जिसके बाद जिले में संक्रमण नहीं फैला। लेकिन अभी तक राज्य सरकार इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू नहीं कर सकी है। जिसके कारण राज्य में लगातार मामले बढ़ रहे हैं।