पिछले महीने अयोध्या में शक्ति प्रदर्शन कर चर्चा में आयी शिवसेना अब काशी और मथुरा के जरिए हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए रणनीति तैयार कर रही है। शिवसेना यूपी में हिंदू वोटरों के लिए भाजपा का विकल्प बनना चाहती है। लिहाजा पिछले कुछ समय से यूपी की सियासत में सक्रिय हो रही है। इसके जरिए शिवसेना न केवल यूपी में बल्कि महाराष्ट्र के कई शहरों में भाजपा को चुनौती देगी। जहां पर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग निर्णायक भूमिका में रहते हैं।

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर अब केन्द्र सरकार में शामिल शिवसेना की नजर है। हालांकि राज्य में शिवसेना का कोई जनाधार नहीं है। लेकिन हिंदू वोटरों का हालिया रूख देखते हुए वह भाजपा का विकल्प बनना चाहती है। पिछले महीने 24 नवंबर को ही शिवसेना ने अयोध्या में अपना कार्यक्रम किया था। जिसमें उसने वहां के साधु संतों को सम्मानित किया था और राममंदिर बनाने के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। शिवसेना ने राम मंदिर न बनने के लिए भाजपा को जिम्मेदार माना था।

पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले पौने पांच साल में भाजपा ने राम मंदिर नहीं बनाया और अब वह मंदिर की बात कर रही है। उन्होंने सीधे तौर भाजपा से पूछा की वह कब राम मंदिर बनाएगी। पिछले कुछ समय से हिंदू वोटर भाजपा से नाराज चल रहे हैं और तीन राज्यों में हुए चुनाव के दौरान वोटरों ने भाजपा के पक्ष में खुलकर वोट भी नहीं दिया। जिसके कारण तीन राज्यों में भाजपा की सत्ता चली गयी। लिहाजा शिवसेना हिंदू वोटरों को लुभाने की तैयारी में है।

शिवसेना ये दावा करती आयी है कि अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद को गिराने में शिवसेना की अहम भूमिका रही थी। उद्धव ठाकरे के अयोध्या के सफल दौरे के बाद शिवसेना ने नारा दिया है, 'अयोध्या तो झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है।' शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सोलापुर में स्थित पंढरपुर जा रहे हैं। इसके जरिए वह साधु संतों को संदेश देना चाहते हैं। इसके बाद ठाकरे मथुरा और काशी के तरफ रूख करेंगे। ऐसा माना जा रहा कि ठाकरे काशी जा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में उन्हें चुनौती देंगे और राम मंदिर समेत हिंदू मंदिरों पर घेरेंगे।

बहरहाल वाराणसी दौरे की अंतिम रूपरेखा इस महीने अंत तक तैयार की जा सकती है। शिवसेना ने 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब पार्टी यूपी में बड़ी तैयारी के साथ उतर रही है। राज्य में वह संगठन को मजबूत करने कि दिशा में काम कर रही है। ताकि लोकसभा चुनाव में मजबूत के साथ खड़ा हुआ जा सके।