आजम खान पर दर्ज ये पहले मुकद्मा नहीं हैं। रामपुर में आजम खान के खिलाफ सरकारी संपत्तियों पर कब्जा करने के साथ ही अवैध निर्माण के कई मुकद्मे पहले से ही दर्ज हैं। असल में राज्य में पूर्व की एसपी सरकार के दौरान रामपुर में आजम खान स्वयंभू मुख्यमंत्री माने जाते थे। उस दौरान रामपुर में उनकी इजाजत के बगैर कोई कार्य नहीं होता था। यहां तक कि अखिलेय़ यादव भी रामपुर के मामलों में कोई दखल नहीं देते थे।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विवादित नेता और रामपुर से सांसद आजम खान पर रामपुर जिला प्रशासन ने जमीन कब्जाने का मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले भी आजम खान पर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के मुकद्में दर्ज हो चुके हैं। आजम खान के साथ ही जौहर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरए कुरैशी व यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रभारी आले हसन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी है। जौहर विश्वविद्यालय आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट है और वह इसके कुलाधिपति भी हैं।
हालांकि आजम खान पर दर्ज ये पहले मुकद्मा नहीं हैं। रामपुर में आजम खान के खिलाफ सरकारी संपत्तियों पर कब्जा करने के साथ ही अवैध निर्माण के कई मुकद्मे पहले से ही दर्ज हैं। असल में राज्य में पूर्व की एसपी सरकार के दौरान रामपुर में आजम खान स्वयंभू मुख्यमंत्री माने जाते थे।
उस दौरान रामपुर में उनकी इजाजत के बगैर कोई कार्य नहीं होता था। यहां तक कि अखिलेश यादव भी रामपुर के मामलों में कोई दखल नहीं देते थे। लिहाजा उस दौरान आजम खान ने जिले में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को भी स्थापित किया और स्वयं इसके चांसलर बन गए।
पिछले दिनों रामपुर गेट तो जिला प्रशासन ने तोड़ा था। जिसे अवैध तरीके से बनाया गया था। फिलहाल आजम खान रामपुर से सांसदी का चुनाव जीत गए हैं। अब जिला प्रशासन ने कोसी नदी की भूमि पर कब्जा करने तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गयी है।
इस रिपोर्ट में आजम खां के साथ ही जौहर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरए कुरैशी और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रभारी आले हसन खां के खिलाफ अजीमनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गयी है। यह मुकदमा लोक संपत्ति अधिनियम और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में दर्ज कराया गया है।
असल में राजस्व विभाग की टीम 25 मई को जौहर यूनिवर्सिटी में जमीन की पैमाइश कराने गयी थी। लेकिन वहां पर टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। फिलहाल रिपोर्ट को एसडीएम सदर ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दिया है।
जिसमें ये कहा गया है कि आजम खां ने शासन से जो जमीन मांगी थी वह पहले से उनके कब्जे में है और उस पर आठ फीट ऊंची चहारदीवारी खड़ी कर ली गई है, जबकि यह जमीन राजस्व विभाग के नक्शे में जलमग्न जमीन नदी अंकित है जो सार्वजनिक उपयोग की जमीन है।
Last Updated Jun 2, 2019, 11:43 AM IST