पटना। राष्ट्रीय जनता दल के स्थापना दिवस और राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तेजस्वी यादव को अगले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जा चुका है। लेकिन तेजस्वी यादव पार्टी के कार्यक्रमों से नदारद हैं।

जिस ऊर्जा और उत्साह की उम्मीद पार्टी के नेता तेजस्वी से कर रहे थे और गायब है। तेजस्वी की पार्टी के कार्यक्रमों और सदस्यता अभियान से दूरी पार्टी के नेताओं को भी खटक रही है। वहीं तेजस्वी पटना से ज्यादा दिल्ली में समय बिता रहे हैं।

पार्टी के नेताओं का मानना है कि राज्य में अगले पन्द्रह महीनों के दौरान विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राज्य में उनके सामने अभी जदयू और भाजपा का गठबंधन है। ऐसे में जनता को अपने पक्ष में लाना उनके लिए मुश्किल है।

वहीं राज्य में कांग्रेस और हम ने राजद के साथ गठबंधन तोड़ दिया है। पार्टी आज वहीं पहुंच चुकी है जहां आज से एक साल पहले थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी सिफर में सिमट गई है और पार्टी का नेतृत्व भी कमजोर हो रहा है। ऐसे में राजद किस तरह से प्रदर्शन करेगी ये सवाल सबके सामने है।

राजद की पिछले महीने पटना में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तेजस्वी यादव को पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया था। हालांकि तेजस्वी ने पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से दूरी बनाकर रखी थी। लेकिन बाद में रघुवंश प्रसाद और बड़े नेताओं के समझाने के बाद तेजस्वी कार्यक्रम में आए थे।

इसी कार्यकारिणी की बैठक में तय किया गया था कि राज्य भर में सदस्यता अभियान चलाया जाएगा और जनता को पार्टी से जोड़ा जाएगा। जिसमें पार्टी के सभी बड़े नेता हिस्सा लेंगे और गांवों में जाकर कार्यक्रम आयोजित करेंगे। लेकिन तेजस्वी अभी तक किसी भी कार्यक्रम में नहीं गए। यहां तक कि वह पार्टी कार्यालय में आयोजित सदस्यता अभियान में शरीक नहीं हुए।

जिसके बाद कई तरह के सवाल पार्टी के भीतर उठ रहे हैं। वहीं राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार में भी अच्छा नहीं चल रहा है। क्योंकि मीसा भारती और तेज प्रताप यादव पार्टी से अभी भी नाराज चल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सदस्यता अभियान में लालू परिवार का कोई भी सदस्य पार्टी के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ था।