फिलहाल विभागों के बंटवारे को लेकर उद्धव ठाकरे की अगुवाई में बैठक हुई। जिसमें कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने हिस्सा लिया। लेकिन अभी तक बंटवारे को लेकर किसी भी तरह की सहमति नहीं बनी है।
मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया है और इस विस्तार के साथ ही तीनों दलों के विधायकों में नाराजगी देखी जा रही है। वहीं मंत्रियों के शपथ के बाद अब विभागों का बंटवारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के गले की फांस बन गया है। कांग्रेस विभागों को लेकर नाराज है। क्योंकि कांग्रेस कुछ ऐसे विभागों को मांग रही है, जिनको लेकर शिवसेना राजी नहीं है।
फिलहाल विभागों के बंटवारे को लेकर उद्धव ठाकरे की अगुवाई में बैठक हुई। जिसमें कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने हिस्सा लिया। लेकिन अभी तक बंटवारे को लेकर किसी भी तरह की सहमति नहीं बनी है। इस बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोराट, विजय वडेट्टीवार और नितिन राउत, राकांपा के अजीत पवार, जयंत पाटिल और एकनाथ शिंदे शामिल हुए। माना जा रहा है कि तीनों दलों के नेताओं में सहमति बन जाने के बाद विभागों का बंटवारा किया जाएगा।
हालांकि ये अभी तक तय नहीं है कि मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कब तक किया जाएगा। सोमवार को ही ठाकरे सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हुआ है और इसमें 36 मंत्रियों ने शपथ ली जबकि पहले से ही छह मंत्री ठाकरे कैबिनेट में थे। अब कैबिनेट के सदस्यों की संख्या बढ़कर 43 हो गयी। हालांकि अभी तक कई विधायक पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। जिनकी नाराजगी दूर नहीं की जा सकी। माना जा रहा है कि नाराज कांग्रेस को कृषि और सहकारिता मंत्रालय चाहिए।
गौरतलब है कि कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिलने के कारण शिवसेना के करीब एक दर्जन विधायक नाराज चल रहे हैं वहीं कांग्रेस के विधायक अपनी शिकायत आलाकमान तक पहुंचा चुके हैं। जबकि एनसीपी विधायक ने इस्तीफे की धमकी दी है। राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई है और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत विभागों का बंटवारा तीनों दलों के बीच होना है। हालांकि तीन अन्य छोटी पार्टियों को राज्य कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।
Last Updated Jan 2, 2020, 8:09 AM IST