आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। भाजपा ने कांग्रेस की तर्ज पर किसानों और जवानों (सैनिक और नौजवान) को साधने की रणनीति तैयार की है। भाजपा जनसंपर्क अभियान के जरिए इस नारे को जनता तक पहुंचाएगी। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने इस नारे को जनता तक पहुंचाने का लक्ष्य नेताओं को दिया है। 

आगामी चुनाव में राष्ट्रवाद पार्टी के लिए एक बड़ा मुद्दा रहेगा। इसके लिए भाजपा ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा उत्तर प्रदेश में राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाते हुए किसानों और जवानों को साधने के लिए 'जय जवान, जय किसान' का नारा देगी। इसके लिए पार्टी 15 जनवरी से 3 मार्च तक अभियान चलाएगी और इस दौरान शहीदों और पूर्व सैनिकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे वहीं किसानों को भी सम्मानित किया जाएगा। हालांकि विकास, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के एजेंडे पर भाजपा अब भी कायम है। डेढ़ महीने से अधिक चलने वाले अभियानों के जरिए इसको धार दी जाएगी। 

ऐसा माना जा रहा है कि स्वाधीनता सेनानियों के साथ ही शहीदों और पूर्व सैनिकों के परिवारों से संपर्क किया जाएगा। जबकि 1947 के बाद शहीद हुए जवानों के परिवारीजनों या उनके स्मृति स्थल तक पहुंचकर उनका सम्मान किया जाएगा। इस अभियान को दिल्ली से लेकर राज्य के हर जिले में आयोजित किया जाएगा। भाजपा सर्जिकल स्ट्राइक सहित सेना के शौर्य पर जनता से चर्चा करेगी। इसके साथ ही भाजपा नए वोटरों को जोड़ने के लिए 'नेशन विद नमो' अभियान भी चलाएगी। वहीं किसानों तक सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने और विपक्ष के आरोपों की धार कुंद करने के लिए भाजपा का किसान मोर्चा हर गांव तक पहुंचेगा।

इसके तहत हर ग्राम पंचायत में किसान सभा आयोजित करने का कार्यक्रम तय किया गया है। हालांकि भाजपा से पहले कांग्रेस ने भी किसानों और नौजवानों को लुभाने के लिए नया नारा दिया है। इस नए नारे में कांग्रेस ने धर्म से लेकर, नौजवान, किसान और सेना के जवानों को भी शामिल किया है। ताकि एक ही नारे में सभी को शामिल कर चुनाव में टारेगट किया जा सके। पार्टी ने इस नए नारे में उसने पूरे देश के विभिन्न वर्गों के लोगों को जोड़ने का प्रयास किया है। कांग्रेस का नया नारा है, हिंदू न मुसलमान, जय किसान,जय नौजवान। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि इस नारे के जरिए वह भाजपा के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को खत्म कर सकती है।