उत्तराखंड के खटीमा जिले में तीन तलाक और हलाला का एक अजीब मामला सामने आया है। इसमे 65 साल के एक बुजुर्ग की हवस के चलते पूरा परिवार बिखर गया है। दो मासूम बच्चे हर रोज अपने मां बाप को याद करके जार-जार रोते हैं। लेकिन शरीयत और सामाजिक नियम-कानूनों के बंधन से उन्हें निजात नहीं मिल पा रही है। 

मामला कुछ इस प्रकार का है- उत्तराखंड के खटीमा निवासी अकील अहमद की बेटी जूही का निकाह खटीमा के ही मोहम्मद जावेद के साथ 2010 को हुआ था। मियां-बीवी के बीच मामूली कहासुनी पर झगड़ा हो गया था। नौबत तलाक तक पहुंच गई थी। 2013 में जावेद ने जूही को तलाक देकर सारे रिश्ते तोड़ दिए थे। 

कुछ दिन बाद दोनों ने फिर साथ रहने की ठानी तो हलाला का नियम आड़े आ गया। रिश्तेदारों ने बरेली के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग के साथ हलाला कराने के लिए रजामंदी दे दी। 

नवंबर, 2016 में जूही के साथ हलाला की रस्म अदा की गई। शर्त यह भी थी कि हलाला के बाद बुजुर्ग उसे तलाक दे देगा, लेकिन जवाब बीवी को देखकर बुजुर्ग की नीयत फिसल गई और उसने तलाक देने से इनकार कर दिया। 

पहले शौहर जावेद ने जूही के साथ फिर से निकाह करने के लिए जोर दिया तो नए बुजुर्ग पति ने उसे छोड़ने से इंकार कर दिया।

अब पहला शौहर परेशान है। वहीं महिला ने भी हलाला करने वाले से पिंड छुड़वाने के लिए गुहार लगाई है।

जूही और जावेद के दो बेटे हैं। तीन तलाक के बाद एक बेटा पिता और दूसरा मां के हिस्से में आ गया। दोनों बच्चे मां-बाप की याद में रोते रहते हैं। यही वजह है कि मियां-बीवी फिर से साथ रहने के लिए राजी हुए थे। 

लेकिन मुस्लिम शरीयत के मुताबिक हलाला करने वाला जब तक तलाक न दे शौहर बना रहेगा। एक शर्त ये भी है कि हलाला के दौरान यह कहकर निकाह किया था कि अगले दिन तलाक देंगे तो दोनों का निकाह अपने आप खत्म हो गया। शर्त नहीं लगाई है तो निकाह में बीवी रहेगी। 

लेकिन वह बुजुर्ग पति अपनी नई पत्नी को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। इस मामले में बीच बचाव करने के लिए समाज के वरिष्ठ लोगों ने जब बीच बचाव किया। तो जूही के नए पति ने आरोप लगाया, कि इस लड़की ने मुझे धोखा दिया है। निकाह होने के बाद लड़की मेरे पास तक नहीं आई। मैंने शरीयत के मुताबिक निकाह किया। इसलिए मैं इसे तलाक नहीं दूंगा। 

वहीं हलाला कराने वाले लोग जेल जाने के डर से इस मामले में कुछ भी बोलने से डर रहे हैं।
 
लेकिन इस खींचतान में जूही और जावेद के दोनो बच्चे बिना मां-बाप के साए के जिंदगी बिताने के लिए मजबूर हैं।