नई दिल्ली। भारत के बाद अमेरिका ने चीन को बड़ा झटका दिया है। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए चीनी स्वामित्व वाले टिकटॉक और मैसेजिंग एप वीचैट को देश से बाहर जाने का फरमान सुना दिया है और गुरुवार देर रात दो कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। ये आदेश इन कंपनियों पर 45 दिनों के अंदर लागू हो जाएगा यानी इस दौरान इन कंपनियों को अपना कारोबार अमेरिका में बंद करना होगा। 

असल में चीन के रूख को देखते हुए अमेरिका ने ये फैसला लिया है। अमेरिका चीन को लेकर काफी नाराज है। खासतौर से अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के मौजूदा हालत के लिए चीन को पूरी तरह से दोषी मानते हैं और अमेरिका में फैले कोरोना संक्रमण के लिए वह चीन को जिम्मेदार मानते हैं। अमेरिका में अभी तक लाखों की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई है और वहीं अभी भी अमेरिका में लाखों लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। वहीं अमेरिका अर्थव्यवस्था को कोरोना ने बड़ी चपत लगाई है। लिहाजा पिछले दिनों ही अमेरिका ने संकेत दिए थे कि वह चीन के खिलाफ बड़ी कार्यवाही कर सकता है। हालांकि चीन को भारत ने पहले ही झटका दे दिया है। भारत चीन के करीब 150 एप्स को देश में प्रतिबंधित कर दिया है। जिसके कारण चीन को अब अरबों को नुकसान हो रहा है।

वहीं अब अमेरिका ने टिकटॉक और वीचैट को देश से बाहर जाने का फैसला सुनाया है। नए आदेश के तहत ये कंपनियां अब अमेरिका में एप्पल के एप स्टोर या गूगल के प्ले स्टोर पर दिखाई नहीं देंगी। इस आदेश के बाद से अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते और खराब हो गए हैं। अमेरिका ने कहा कि देश की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसले किए गए हैं। असल में एक सच्चाई ये भी है कि चीनी सेना देश की कंपनियों में पैसा लगाकर विदेशों में उनके जरिए जासूसी कराती हैं।  फिलहाल इस साल नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और ट्रंप ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। वहीं अमेरिकी कंपनी
माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक खरीदने को लेकर बातचीत कर रही है और इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति से बातचीत भी की है। व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा कि टिकटॉक को 15 सितंबर तक अमेरिका से अपना संचालन बंद कर देगा। 

भारत ने सबसे पहले लगाया टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध

भारत ने सबसे पहले टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध लगाया था और इसके बाद अमेरिका ने ये कार्यवाही है। वहीं दुनिया के अन्य देश भी इस दिशा में काम करने वाले हैं। भारत ने 106 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत के इस फैसले का अमेरिका प्रशासन और अमेरिकी सांसदों ने स्वागत किया था।