बैंक फ्रॉड का मामला दिन पर दिन नए-नए मोड़ लेता जा रहा है। कांग्रेस नेता पीएल पूनिया संसद के सेन्ट्रल हॉल में आंखो देखी गवाही दे रहे हैं, तो शहजाद पूनावाला ने इंपीरियल होटल में हुई एक मुलाकात की तफसील बयां करके नहले पर दहला जड़ दिया है।    

नई दिल्ली- हजारो करोड़ के बैंक फ्रॉड मामले में शह और मात का खेल जारी है। पहले कांग्रेस नेता पी.एल.पूनिया ने संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में माल्या-जेटली मुलाकात की बात कहकर सनसनी फैला दी। इसके बाद मैदान में उतरे शहजाद पूनावाला, जिन्होंने राहुल गांधी और नीरव मोदी के बीच हुई मुलाकात का खुलासा किया है।

पूर्व कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला ने बताया, कि राहुल गांधी अपने एसपीजी के लाव-लश्कर के साथ नीरव मोदी से उस समय मिलने गए थे, जब उसको लोन दिए जाने की प्रक्रिया चल रही थी। शहजाद ने साथ में यह भी कहा, कि अगर मेरी बात झूठ निकलती है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और मैं लाई डिटेक्टर टेस्ट(झूठ पकड़ने वाली जांच) तक के लिए तैयार हूं।

शहजाद ने राहुल गांधी से यह भी सवाल पूछा है, कि ‘जैसे आपने नीरव मोदी से मुलाकात की, वैसे ही आपने लंदन में किससे मुलाकात की। क्या आप माल्या की पार्टियों में नहीं गए’।

"

शहजाद ने नीरव-राहुल मुलाकात के बारे में विस्तार से बताया, कि सितंबर 2013 में राहुल गांधी, एक ब्राइडल कलेक्शन शो के दौरान मिले थे।

उन्होंने पूछा, कि राहुल गांधी ब्राइडल शो में क्या करने गए थे, वह न तो शादीशुदा हैं, ना ही उन्हें अपनी पत्नी के लिए ज्वेलरी खरीदनी थी। लेकिन राहुल इस कार्यक्रम में मौजूद थे, वह भी ऐसे समय में जब मेहुल चोकसी और नीरव मोदी को इलाहाबाद बैंक से लोन देने की प्रक्रिया जारी थी और दिनेश दुबे ने इसपर आपत्ति जता दी थी।

इन परिस्थितियों में एक दोस्त, गाइड या कोई बेहद नजदीकी व्यक्ति ही हौसला बढ़ाने के लिए ही मुलाकात के लिए जा सकता है। या हो सकता है कि इससे भी ज्यादा कोई बात हो। 

बैंक लोन मामले में शहजाद एक के बाद एक ट्विटर धमाका कर रहे हैं। उन्होंने एक ट्विट में लिखा है, ‘यूपीए शासनकाल में ही माल्या, नीरव मोदी या चोकसी को लोन बांटे गए थे। एनपीए की पूरी समस्या यूपीए की देन है। यूपीए ही भारत के सभी एनपीए की दोस्त, मार्गदर्शक और गाइड है’

Scroll to load tweet…

इससे पहले कांग्रेस नेता पी.एल. पूनिया ने संसद के सेन्ट्रल हॉल में विजय माल्या और वित्त मंत्री अरुण जेटली की मुलाकात की बात कहकर सनसनी फैलाने की कोशिश की थी। लेकिन वित्त मंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा, कि माल्या उस समय राज्यसभा सदस्य था। उसने मुलाकात की कोशिश जरुर की थी, लेकिन जेटली ने उसको बैंकों अधिकारियों से मुलाकात करने की सलाह देकर बात खत्म कर दी थी।