राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस के नेताओं के बीच उभरने शुरू हो गए हैं। अब इस मामले में दिल्ली का नाम जुड़ गया है। अब दिल्ली में कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित और प्रदेश प्रभारी के साथ ही अन्य नेताओं के मतभेद उभरने शुरू हो गए हैं। चाको ने शीला का खिलाफ कई शिकायतें मिलने की बात कही हैं।

शुक्रवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के बाद शीला दीक्षित का पार्टी में कद और बढ़ा दिया गया था। उन्हें दिल्ली के सभी 14 और 280 वार्डों का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया। लेकिन अब इस मामले में दिल्ली प्रदेश के प्रभारी पीसी चाको ने आरोप लगाया है कि जो जिलों और वार्डों की कमेटी को शीला ने भंग किया है, उसके लिए उनसे कोई अनुमति नहीं ली गयी थी।

लिहाजा वह इन कमेटियों को फिर से बहाल कर रहे हैं। चाको और शीला की पुरानी दुश्मनी है। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान शीला ने आम आदमी पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन का विरोध किया था। जिसके कारण पार्टी दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पायी थी। जबकि चाको आप के साथ चुनावी गठबंधन के पक्ष में थे और इसके लिए दिल्ली के कई कांग्रेस के नेता भी लॉबिंग कर रहे थे।

अब चाको ने आरोप लगाया है कि शीला को लेकर उनके पास कई तरह की शिकायतें आ रही हैं। गौरतलब है कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद हरियाणा में अशोक तंवर और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट और पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मतभेद उभरे हैं।

लिहाजा इस में अब दिल्ली का भी नाम जुड़ गया है। हालांकि अभी तक मतभेद मीडिया की सुर्खियां नहीं बने थे, लेकिन अब ये सुर्खियां बनने लगे हैं। दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने शीला और राहुल गांधी को पत्र लिखा है कि दिल्ली में कोई भी फैसला कार्यकारी अध्यक्षों से मशविरा किए बगैर न किया जाए। फिलहाल चाको ने शीला द्वारा ब्लॉक कमेटियों को भंग किये जाने के फैसले पर भी रोक लगा दी है।