लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जबरदस्त हार के बाद राहुल गांधी के इस्तीफे के बीच पार्टी में प्रियंका गांधी का कद बढ़ गया है। प्रियंका अब न केवल महासचिव होंगी बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी होंगी। इसे 2022 में होने वाले विधानसभा की तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि इससे एक बात और साफ हो गयी है कि कांग्रेस में अध्यक्ष कोई भी बने लेकिन गांधी परिवार का दखल पार्टी में बरकरार रहेगा। लिहाजा प्रियंका का कद पार्टी में बढ़ाया गया है। हालांकि प्रियंका ही अभी तक कांग्रेस में सबसे ताकतवर महासचिव हैं। 

असल में राज्य में लोकसभा का चुनाव प्रियंका के नेतृत्व में ही लड़ा गया था। हालांकि पार्टी ने परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए मध्य प्रदेश के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया था। लेकिन प्रचार का जिम्मा केवल प्रियंका के ऊपर ही थी। यहां तक कि अमेठी और रायबरेली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी महज अपने नामांकन के दौरान ही दिखे।

जबकि प्रियंका ने ही यहां पर उनके चुनाव का जिम्मा अपने हाथों में लिया था। हालांकि पार्टी गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में लोकसभा का चुनाव हार गयी थी, वहीं रायबरेली में सोनिया की जीत का अंतर भाजपा की तुलना में कम रहा। फिलहाल लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन अब प्रियंका को पूरे प्रदेश का प्रभारी बनाने के बाद ये तय हो गया है कि पार्टी में अध्यक्ष कोई भी बने लेकिन पार्टी में गांधी परिवार का दखल रहेगा।

हालांकि प्रदेश में मिली हार के बाद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था। लेकिन प्रियंका ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया। जिसको लेकर उन पर दबाव था। लेकिन पार्टी ने उनका कद बढ़ाकर साफ कर दिया है कि प्रियंका को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।

हालांकि अभी तक कांग्रेस में नए अध्यक्ष का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति इसके लिए जल्द ही फैसला करेगी। लेकिन इतना तय हो गया है कि  गांधी परिवार का कोई भी नया अध्यक्ष नहीं होगा। लेकिन पार्टी में प्रियंका का कद बढ़ाकर पार्टी ने ये संदेश दे दिया है कि अध्यक्ष कोई भी बने लेकिन प्रियंका गांधी सबसे ताकतवर नेता रहेंगी।