लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद इस्तीफों के दौर से गुजर रही कांग्रेस पार्टी में जल्द ही गांधी परिवार के एक और नेता का इस्तीफा हो सकता है। राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस्तीफा दे सकती हैं। प्रियंका पर इस्तीफा देने का दबाव पार्टी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा देकर बढ़ा दिया है। सिंधिया और प्रिंयका को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था और पार्टी इन दोनों नेताओं के नेतृत्व में पार्टी की साख भी नहीं बचा पायी। हालांकि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद प्रियंका गांधी भी अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हैं।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को पार्टी के महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया था। सिंधिया को राहुल गांधी का करीबी माना जाता था है। सिंधिया ने हालांकि लोकसभा चुनाव में मिली हार के एक महीने बाद इस्तीफा दिया है।

लेकिन इस इस्तीफे के बाद राहुल गांधी की बहन और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी दबाव बन गया है। प्रियंका को लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे यूपी में प्रचार का जिम्मा दिया गया था। यही नहीं प्रियंका ने गांधी परिवार के गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली और अमेठी को भी पूरी तरह से अपने पास रखा था और यहां पर किसी भी नेता का दखल नहीं था। जबकि अमेठी से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा।

फिलहाल पार्टी के करीबी 2 सौ से ज्यादा पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। लेकिन प्रियंका ने इस्तीफा नहीं दिया है। राहुल गांधी ने पार्टी की हार के लिए जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है और यही फार्मूला इस्तीफा देने वाला हर नेता अपना रहा है। लिहाजा अब प्रियंका पर भी नैतिक तौर पर इस्तीफे का दबाव बन गया है।

पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद कहा था कि राहुल गांधी ने साहसिक कदम उठाया है। जबकि सिंधिया ने भी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार को जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ा है। लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया को उत्तर प्रदेश में 38 सीटों की और प्रियंका को 42 सीटों की जिम्मेदारी मिली थी।