श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार धमाकों के बाद इंडियन कोस्ट गार्ड हाई अलर्ट पर है। समुद्री सीमा पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है। इन धमाकों में अब तक 290 लोगों की मौत हुई है जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हैं। श्रीलंका सरकार ने इस्लामी चरमपंथी संगठन नैशनल तौहीद जमात (NTJ)को इन हमलों का जिम्मेदार ठहराया है। 

सूत्रों के अनुसार, ऐसी खुफिया इनपुट हैं कि श्रीलंका में तबाही मचाने वाले आतंकी श्रीलंका से भागने और समुद्र के रास्ते भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। आतंकियों के ऐसे किसी भी प्रयास को नाकाम बनाने के लिए श्रीलंका से लगी समुद्री सीमा पर निगरानी पोतों और समुद्री निगरानी वाले डोर्नियर एयरक्रॉफ्ट की तैनाती की गई है। 

श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए सिलसिलेवार धमाकों को देखते हुए कोस्ट गार्ड और पुलिस ने तटीय इलाकों पर चौकसी बढ़ा दी है। ताकि श्रीलंका से होने वाली किसी भी तरह की घुसपैठ को रोका जा सके। समुद्री क्षेत्र में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। साथ ही घुसपैठ को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा चौकसी बरती जा रही है। साथ ही तटीय इलाकों के चर्चों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। 

कोस्ट गार्ड ने रामेश्वर के धनुषकोडी के पास राम सेतु के करीब से चार भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया था। हालांकि उन्हें मंडपम कोस्ट गार्ड स्टेशन में कुछ पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया।  

इससे पहले भारत को भी समुद्री मार्ग का इस्तेमाल कर निशाना बनाया जा चुका है। साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी आतंकी समुद्री मार्ग से ही भारत में घुसे थे। 

पिछले महीने नौसेना  प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने चेताया था कि आतंकियों को समुद्र के रास्ते किसी बड़ी वारदात के लिए प्रशिक्षण दिए जाने की रिपोर्ट्स हैं। उन्होंने कहा था, 'भारत पर समुद्री मार्ग से हमले का खतरा मंडरा रहा है।'