मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को समाप्त हो रहा है। लेकिन उनके इस्तीफे के बाद से ही राज्य में आरोप प्रत्यारोप का दौरान शुरू हो गया है। फडणवीस ने इस्तीफा देने के बाद पत्रकार  वार्ता कर शिवसेना को कठघरे में खड़ा किया तो उसके बाद शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर आरोप लगाए।

राज्य में अभी तक सरकार बनाने की स्थिति स्पष्ट नहीं है। भाजपा और शिवसेना सीएम पद की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। वहीं कांग्रेस और एनसीपी ने साफ किया है कि वह विपक्ष में बैठेंगे। हालांकि पार्टी के कुछ दिनों सरकार बनाने की वकालत कर रहे हैं। जिसके तहत पहले शिवसेना राज्य में अपने बलबूते सरकार बनाने की बात कर रही थी। लेकिन बड़े नेताओं की तरफ से इस बारे में कोई बयान जारी नहीं हुई है। वहीं आज देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन में जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।

इसके बाद फडणवीस शिवसेना पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले शिवसेना के '50-50' के फार्मूले पर कोई बात नहीं हुई थी और न ही ढाई-ढाई साल पर कोई बात हुई थी। उन्होंने कहा कि शिवसेना चुनाव हमारे साथ जीतकर आई और चुनाव परिणाम के बाद बातचीत एनसीपी से करती रही।  हालांकि अभी भी भाजपा को उम्मीद है कि वह शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। हालांकि दोनों दलों के रिश्तों में खटास आ गई है।

उधर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी सफाई देते हुए कहा कि राज्य में चुनाव से पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से 50-50 के फार्मूले बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे का सपना था कि राज्य में शिवसेना का सीएम बने और शिवसैनिक उनके सपने को पूरा करेंगे। ठाकरे ने फडणवीस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने किसी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं बल्कि पार्टी की नीतियों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि अभी तक शिवसेना की एनसीपी और कांग्रेस से किसी भी तरह की बातचीत नहीं हुई है।