नई दिल्ली: मोदी सरकार ने संसद में स्वीकार किया है कि सीमार पार से घुसपैठ में 43 फीसदी कमी आई है। यह आंकड़ा इस साल के शुरुआती 6 महीनों का है। 

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में एक सवाल के जवाब में इस आंकड़े का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि 2018 की तुलना में 2019 के शुरुआती 6 महीनों में घुसपैठ में 43 फीसदी कमी आई है। 

उन्होंने कहा है कि 'सुरक्षाबलों की कोशिशों के चलते जम्मू-कश्मीर के हालात सुधरे हैं, और पिछले साल के मुकाबले इस साल जून तक घुसपैठ में कमी आई है। इस साल घुसपैठ में 43 फीसदी तक की कमी आई है। वहीं आतंकी हमलों में 28 फीसदी की कमी, आतंकी गुटों में स्थानीय युवकों की भर्ती में 40 फीसदी की कमी और आतंकियों के सफाए में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।'

दरअसल संसद में लिखित तौर पर सवाल पूछा गया था कि क्या बालाकोट हवाई हमले के बाद राज्य में घुसपैठ में कमी आई है। 

जिसके जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सुरक्षा बलों के ठोस और समन्वित प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की घटनाओं में सुधार हुआ है। सरकार ने सीमा पार से घुसपैठ के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है। सुरक्षा के ठोस और समन्वित प्रयासों के कारण 2018 की तुलना में राज्य की सुरक्षा स्थिति में सुधार देखा गया है।

आज से लगभग ढाई साल पहले 29 सितम्बर 2016 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। भारत की तरफ से रात 12.30 बजे से 2.30 बजे तक यह ऑपरेशन चलाया गया।  भारतीय सेना के कमांडोज ने आतंकवादियों के 7 लॉन्च पैड को अपना निशाना बनाया। इसमें 38 आतंकवादी मारे गए थे।

भारत सरकार ने भी सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बाड़ लगाने के साथ बहु-स्तरीय निगरानी प्रणाली की तैनाती शामिल है।