रायबरेली लोकसभा सीट पर मतदान हो चुका है। लेकिन कांग्रेस यहां पर अब अपना अंतिम किला बचाने में जुटी है। लेकिन बीजेपी के सामने इस किले को फतह करना इतना आसान नहीं है। असल में ये लड़ाई लोकसभा सीट के लिए नहीं, बल्कि रायबरेली जिला पंचायत के अध्यक्ष के पद को लेकर है। जो कभी कांग्रेस के पास था, लेकिन अब बीजेपी के कब्जे में है।

असल में रायबरेली जिला पंचायत के अध्यक्ष का पद पर अवधेश सिंह काबिज हैं। अवधेश सिंह कभी कांग्रेस में रहे एमएलसी और वर्तमान में सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दिनेश प्रताप सिंह के भाई हैं। लेकिन ये पद उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए जीता था। कभी सोनिया गांधी के दिनेश सिंह के परिवार से अच्छे संबंध थे। लेकिन अब दिनेश सिंह बीजेपी में हैं और उनके भाई भी। कांग्रेस इस पद को अपने कब्जे में फिर से रखना चाहती है। लिहाजा कांग्रेस ने पंचायत सदस्यों को अपने पक्ष में करना शुरू कर दिया।

असल में इस पूरी मुहिम को कांग्रेस विधायक अदिति सिंह चला रही हैं। जबकि अदिति सिंह के पिता माफिया डॉन अखिलेश सिंह पर्दे के पीछे इसके लिए पूरी बिसात पर नजर रखे हुए हैं। दो साल पहले अवधेश सिंह की जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर ताजपोशी कांग्रेस ने अखिलेश सिंह को किनारे करने की रणनीति के तहत ही की थी। रायबरेली में अखिलेश सिंह की ताकत को कम करने के लिए कांग्रेस ने दिनेश सिंह को आगे बढ़ाया।

लेकिन अब उनके बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस फिर अखिलेश सिंह की बेटी पर दांव खेल रही है। पहली बार विधायकी का चुनाव लड़कर जीतने वाली अदिति सिंह कांग्रेस में उभरती नेता है और कांग्रेस आला कमान की करीबी भी हैं। लिहाजा अब कांग्रेस उन्हें आगे कर इस लड़ाई को जीतना चाहती हैं। कल ही अदिति सिंह ने आरोप लगाया कि उनके जिला पंचायत सदस्यों को अगवा कर लिया गया है।

अदिति ने ये भी आरोप लगाया कि उन पर जानलेवा हमला हुआ है। फिलहाल अदिति को इस मुद्दे पर वहां के एसपी विधायक मनोज पांडेय का भी साथ मिल रहा है। आज इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी रायबरेली पहुंच रही हैं, ताकि आगे की रणनीति तैयार की जा सके। क्योंकि कांग्रेस जिला पंचायत के जरिए अपने इस गढ़ को और ज्यादा मजबूत करना चाहती है। कांग्रेस की रणनीति के तहत अदिति सिंह अपने समर्थकों के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती हैं। लेकिन अभी तक इस पर फैसला नहीं हो सका है।