नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले राजबरेली और अमेठी से फिलहाल दूरी बनाकर रखी है। लेकिन गांधी परिवार ने यहां जाने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष जल्द ही अमेठी जाएंगे और हार के बावजूद वहां की जनता का धन्यवाद करेंगे। गांधी परिवार की इन दोनों सीटों पर हार के बाद नाराजगी को इस बात से समझा जा सकता है कि सोनिया गांधी रायबरेली में अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने भी नहीं गयी।

असल में कांग्रेस नेतृत्व को लगता है कि अगर राहुल अमेठी नहीं जाते हैं तो जनता की नाराजगी कांग्रेस के प्रति और ज्यादा बढ़ेगी और 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को अमेठी में और ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। अमेठी की पांच विधानसभा सीटों में से एक पर ही कांग्रेस के प्रत्याशी ने 2017 के चुनाव में जीत हासिल की थी।

लिहाजा अपने गढ़ को बचाने के लिए राहुल गांधी अमेठी जाएंगे और जनता का धन्यवाद करेंगे। इसके जरिए वह जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस नेतृत्व को लगता है कि अगर रायबरेली और अमेठी से यूं ही दूरी बनाकर रखी तो आने वाले दिनों कांग्रेस को राजनैतिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ेगा।

गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने प्रयागराज का दौरा किया था, लेकिन वह रायबरेली और अमेठी नहीं गयी, जबकि चुनाव के दौरान यूपी का पूरा जिम्मा प्रियंका के कंधे पर ही था। शुक्रवार को ही राहुल गांधी केरल के वायनाड गए थे। जहां से उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता है।

लिहाजा कांग्रेस को लगता है कि वायनाड जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष को अमेठी और रायबरेली में जाकर जनता का धन्यवाद करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो जनता में पार्टी के प्रति नाराजगी और ज्यादा उभरेगी। ऐसा माना जा रहा है कि संसद सत्र शुरू होने से पहले राहुल गांधी अमेठी जाएंगे।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका ने अमेठी को राहुल की कर्मभूमि बताया था। लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस का बड़ा नेता खासतौर से गांधी परिवार का कोई व्यक्ति अमेठी और रायबरेली नहीं गया।