भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस्लामिक और खालिस्तानी आतंकी संगठनों का अंडरवर्ल्ड के साथ मिलकर भारत में एक बड़ा सिलसिलेवार आतंकी हमला करने के प्लान की जानकारी मिली है। जानकारी के मुताबिक ये संगठन भारत में कई हाईप्रोफाइल घरेलू और विदेशी संपत्तियों पर निशाना साधने की योजना पर काम कर रहे हैं।

भारतीय खुफिया एजेंसी की जानकारी के मुताबिक आतंक का महागठबंधन देश में बड़ा आतंकी हमला करने की तैयारी में लगे हैं। एजेंसी का दावा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत के अंडरवर्ल्ड के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश के इस्लामिक आतंकी संगठन और खालिस्तानी अलगाववादी गुट एक गठबंधन के तहत भारत में आतंकी हमले को अंजाम देने की योजना पर काम कर रहे हैं।

खुफिया विभाग की जानकारी के मुताबिक इस महागठबंधन के तहत हाल ही में खाड़ी देश में इन आतंकी संगठनों के प्रतिनिधियों की मुलाकात हुई है। इस मुलाकात में 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी शामिल है। खुफिया विभाग को जानकारी मिली है कि इस मुलाकात में भारत में कई हाई प्रोफाइल ठिकानों पर बड़े आतंकी हमले करने की योजना पर बातचीत हुई है।

जासूसों तक पहुंची फुसफुसाहट

माय नेशन को मिली इंटेलिजेंस की जानकारी के मुताबिक खुफिया विभाग के इस अलर्ट पर गृह मंत्रालय अब इन आतंकी संगठनों और अंडरवर्ल्ड से जुड़ी जानकारियों एकत्र कर रहा है।

जानकारी के मुताबिक इन संगठनों के निशाने पर बड़े राजनीतिक नेता और बड़ी राजनीतिक सभा होने के संकेत मिले हैं। खुफिया विभाग को जानकारी है कि खाड़ी देश में इन संगठनों के प्रतिनिधियों की कई दौर की मुलाकात हो चुकी है और इन मुलाकातों में हमले की प्लानिंग के कई पक्षों पर बातचीत हुई है। 

खुफिया विभाग और गृह मंत्रालय ने इस सूचना पर एक आंतरिक रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक पाकिस्तान और बांग्लादेश के आतंकी संगठन भारत में किसी लोकल गैंग अथवा अंडरवर्ल्ड की मदद से आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक यह हमला किसी बड़े नेता अथवा राजनीतिक सभा को निशाने पर ले सकती है।

गौरतलब हैकि इससे पहले आतंकी संगठन और अंडरवर्ल्ड में सांठगांठ का  मामला 1993 के मुबई सीरियल धामकों देखने को मिला था। इन धमाकों में मुंबई में 13 धमाके किए गए थे जिसमें 257 लोगों की जान गई और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह पहला मौका था जब भारतीय एजेंसियों को पाकिस्तान में बैठे अंडरवर्ल्ड के तार आतंकी संगठनों से जुड़ने के साक्ष्य मिले थे।