एम्स में ऑपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। लेकिन अब ऑपरेशन करने वाले सर्जरी स्पेश्लिस्ट डॉक्टरों के ड्यूटी रोस्टर में बदलाव करके इस समस्या का समाधान निकालने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल एम्स में रोजाना 531 और महीने में लगभग 16 हजार ऑपरेशन किए जाते हैं।
एम्स में ऑपरेशन कराना आसान नहीं है। हृदय रोग और न्यूरो विभाग जैसे अहम विभागों में तो ऑपरेशन के लिए लगभग छह साल की वेटिंग लिस्ट है।
इस समस्या के समाधान के लिए सर्जन डॉक्टरों के ड्यूटी रोस्टर में बदलाव किया जा रहा है। आम तौर पर सर्जन हफ्ते में दो दिन सर्जरी करते हैं जबकि बाकी समय ओपीडी और वार्ड में मरीजों को देखते हैं।
लेकिन एम्स में ऑपरेशन के लिए आए मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए सर्जरी का वक्त बढ़ाया जा सकता है।
अभी एम्स में सुबह साढ़े आठ बजे से शाम पांच बजे तक सर्जरी होती है। लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक सर्जरी पूरे बारह घंटे यानी सुबह आठ बजे से लेकर शाम आठ बजे तक सर्जरी होगी।
इसके बाद प्रतिदिन सर्जरी का समय लगभग तीन घंटे बढ़ जाएगा। एम्स प्रशासन ने सर्जरी का समय दो शिफ्ट में बांटने का फैसला किया है। पहली शिफ्ट सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे के बीच होगी। जबकि सर्जरी की दूसरी शिफ्ट दोपहर दो बजे से शाम आठ बजे तक होगी।
एम्स के सर्जन इस नए प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। क्योंकि इससे मरीजों की भीड़ कम होगी। लेकिन शुरुआती बातचीत में ऑपरेशन के पहले मरीजों को बेहोश करने वाले एनीस्थिसिया विभाग के डॉक्टर इसके लिए तैयार नहीं हुए हैं।
लेकिन उम्मीद की जा रही है कि उन्हें जल्दी ही मना लिया जाएगा।
साल 2017-18 के दौरान एम्स में एक लाख चौरानबे हजार पंद्रह(1,94,015) ऑपरेशन किए गए थे।
Last Updated Jan 4, 2019, 1:46 PM IST